नयी दिल्ली: ‘द फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (एफएचआरएआई) ने केन्द्र सरकार से उद्योग के पुनरुद्धार के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम करने की मांग की है. एफएचआरएआई ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभाव से होटल उद्दोग लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. इसलिए लगभग दो वर्षों से संघर्षरत इस उद्दोग को आर्थिक रुप से सशक्त होने के लिए सरकार से मदद की आवश्यकता है.
खबर में खास
- वित्त मंत्री को लिखा पत्र
- कोरोना ने तोड़ी कमर
वित्त मंत्री को लिखा पत्र
एफएचआरएआई ने जीएसटी की दरों में कमी लाने के लिए सप्ताह की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) को एक पत्र भी लिखा है. पत्र में ‘कर’ के मौजूदा ढांचे की जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्री समूह (जीओएम) में विचार-विमर्श की मांग की गई है. संगठन कहना है कि, ‘महामारी के कारण आतिथ्य उद्योग के सामने आ रही अभूतपूर्व चुनौतियों के चलते हम सरकार से तुरंत नीतिगत उपाय का अनुरोध करते हैं. एफएचआरएआई ने पत्र में 9,500 रुपये के होटल कमरे पर 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू करने की मांग की है. अभी 7,500 रुपये के कमरे पर 18 प्रतिशत की दर लगती है. इसके अलावा निकाय ने कहा है कि प्रतिदिन 2,000 रुपये किराये वाले कमरे पर जीएसटी की शून्य दर लागू होनी चाहिए. अभी 1,000 रुपये के कमरे पर जीएसटी नहीं लगता है.
कोरोना ने तोड़ी कमर
होटल उद्दोग शुरुआत से ही जीएसटी की दरों अपेक्षाकृत उँचा बताते हुए इसमें कटौती की मांग कर रहा है. लेकिन सरकार ने हर बार यह मांग अनसुनी की है. लेकिन कोरोना के बाद सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद जीएसटी की उंची दरों से होटल उद्दोग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
