बर्मिंघम: भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने मंगलवार को कहा कि टेस्ट मैच की ‘तीसरी’ पारी में उनके बल्लेबाजों की बार-बार असफलता चिंता का विषय है, और वे इस मुद्दे को हल करने के लिए टीम चयनकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. द्रविड़ की देखरेख में भारतीय टीम विदेश में अपने पिछले तीन टेस्ट मैच हार चुकी है. इसमें टीम दक्षिण अफ्रीका में दो टेस्ट मैच के बाद टीम बर्मिंघम में 378 रन के बड़े लक्ष्य का बचाव करने में विफल रही.
खबर में खास
- ‘टीम इंडिया की खराब बैटिंग चिंता का विषय है’
- ‘सिलेक्टर्स से करनी पड़ेगी बात’
- विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में हुआ नुकसान

‘टीम इंडिया की खराब बैटिंग चिंता का विषय है’
भारत ने जोहान्सबर्ग में अपनी दूसरी पारी में 266, केपटाउन में 198 और बर्मिंघम में 245 रन बनाए. इन तीनों मौकों पर भारत की दूसरी पारी टेस्ट मैच की तीसरी पारी थी. इन तीनों मैचों में भारतीय टीम 240, 212 और अब 378 रन के बड़े लक्ष्यों का बचाव करने में विफल रही. जब द्रविड से पूछा गया कि वह बर्मिंघम में भारत की हार का विश्लेषण कैसे करेंगे तो उन्होंने दो दिन के अंदर शुरू होने वाली टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला का जिक्र करते हुए हलके अंदाज में कहा, क्रिकेट इतना अधिक है कि हमारे पास सोचने का समय नहीं है.
‘सिलेक्टर्स से करनी पड़ेगी बात’
हम दो दिन के बाद ही आपसे शायद पूरी तरह से कुछ अलग बात करें. उन्होंने इसके बाद गंभीर लहजे में कहा, हम हालांकि निश्चित रूप से इस प्रदर्शन पर विचार करने की कोशिश करेंगे. हर मैच हमारे लिए सबक है और आप कुछ न कुछ सीखते रहते हैं. हमें सोचना होगा कि हम टेस्ट मैच की तीसरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी क्यों नहीं कर पा रहे हैं और चौथी पारी में हम 10 विकेट क्यों नहीं ले पा रहे हैं.
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में हुआ नुकसान
भारतीय टीम को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के मौजूदा चक्र में छह और मैच खेलने है और ये सभी मैच उपमहाद्वीप (चार भारत में और दो बांग्लादेश में) में है. द्रविड़ कमियों का विश्लेषण करने के लिए चेतन शर्मा (चयन समिति के अध्यक्ष जो अभी इंग्लैंड में है) के साथ बैठने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा, अब अगले छह टेस्ट मैच उपमहाद्वीप में हैं और हमारा ध्यान उन बचे हुए मैचों पर होगा. कोच और चयनकर्ता बैठकर इस हार का विश्लेषण करेंगे.
उन्होंने कहा, यह समीक्षा हर खेल के बाद होती है और इसलिए जब हम अगली बार एसईएनए (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड ऑस्ट्रेलिया) देशों की यात्रा करेंगे तो हम इससे निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे.
