नई दिल्ली. WHO ने समलैंगिकों और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों के लिए मंकीपॉक्स (Monkeypox) को लेकर फैल रही अफवाह को दूर कर दिया है. अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह में WHO ने कहा कि मंकीपॉक्स का खतरा केवल एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) तक सीमित नहीं है. डब्ल्यूएचओ (WHO) ने अपने पहले के बयान में कहा था कि एलजीबीटीक्यू समुदायों में स्थित स्वास्थ्य क्लीनिकों में कुछ मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थे. हालांकि अब नए नोटिस में कहा गया कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मंकीपॉक्स का जोखिम उन पुरुषों तक सीमित नहीं है जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. कोई भी व्यक्ति जो किसी संक्रामक व्यक्ति के साथ निकट संपर्क में है, वह इसका शिकार हो सकता है.
इस खबर में ये है खास-
- इन तरीकों से फैल सकता है Monkeypox
- LGBTQ समुदाय में केस मिलने पर बढ़ा खतरा
- सिर्फ LGBTQ को ही नहीं, किसी को भी हो सकता
इन तरीकों से फैल सकता है Monkeypox
इन समुदाय मंकीपॉक्स की पहचान की जा रही है, ताकि संक्रमण को रोका जा सके. WHO के नए बयान के मुताबिक मंकीपॉक्स किसी भी यौन या नस्ल की परवाह किए बिना किसी के साथ शारीरिक संपर्क से फैल सकता है. डब्ल्यूएचओ की सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह में कहा गया है, “यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ निकट शारीरिक संपर्क रखते हैं, जिसमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आप मंकीपॉक्स का शिकार हो सकते हैं. डब्लूएचओ की सलाह में कहा गया है, “सेक्स के दौरान त्वचा से त्वचा के निकट संपर्क के दौरान मंकीपॉक्स फैल सकता है, जिसमें लक्षण वाले किसी व्यक्ति के साथ चुंबन, स्पर्श, मौखिक और भेदक यौन संबंध शामिल हैं.
LGBTQ समुदाय में केस मिलने पर बढ़ा खतरा
हाल ही में हुए मंकीपॉक्स के प्रकोप ने LGBTQ समुदाय के लिए डर पैदा कर दिया है क्योंकि पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में मंकीपॉक्स के कुछ मामले दर्ज किए गए थे. पहले, जब मंकीपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया था, तो कहा गया था कि यह बच्चों में एक आम बीमारी है, बाद में प्राइड मंथ के उत्सव के दौरान एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के बीच निकट संपर्क हुआ और मंकीपॉक्स के कुछ और मामले दर्ज किए गए.
सिर्फ LGBTQ को ही नहीं, किसी को भी हो सकता
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि मंकीपॉक्स वायरस फैलने का जोखिम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ निकट शारीरिक संपर्क से हो सकता है, जिसमें इसके लक्षण दिखाई दे रहे हैं. शोधकर्ता स्वास्थ्य नीति पीएचडी उम्मीदवार अहमद अली ने ट्विटर पर कहा, “किसी को भी मंकीपॉक्स हो सकता है. LGBTQ+ समुदाय पर ठीकरा फोड़ने से मंकीपॉक्स दूर नहीं होगा. एडवाइजरी के फुटनोट में कहा गया है, “किसी बीमारी के कारण लोगों को कलंकित करना कभी भी ठीक नहीं होता है. कोई भी व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित हो सकता है.
