नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के कांग्रेस नेताओं के विरोध को अयोध्या दिवस से जोड़ने के एक दिन बाद, अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने आरोप लगाया कि बीजेपी असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राम नाम का सहारा ले रही है. जो उनका एकमात्र हथियार राम है. अधीर रंजन (Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा, कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी को लेकर विरोध कर रही है. लोगों के मुद्दों को उठाना हमारी राजनीतिक, नैतिक और वैचारिक जिम्मेदारी है. क्योंकि लोग महंगाई से पीड़ित हैं, लेकिन नाम पर अमृत काल की, सरकार आम लोगों को धोखा दे रही है.
खबर में खास
- बीजेपी के पास एकमात्र राम नाम का हथियार
- अमित शाह ने कांग्रेस को लेकर क्या कहा था, जानिए
बीजेपी के पास एकमात्र राम नाम का हथियार
चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने एएनआई से बात करते हुए कहा, जब हम इसका विरोध कर रहे हैं, तो वे इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसलिए अब वे आम लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं, वे एकमात्र हथियार – राम का सहारा ले रहे हैं. कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर भगवान राम के नाम पर रावण की पूजा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, राम के नाम पर वे रावण की पूजा करते रहे हैं. राम के शासन के दौरान प्रत्येक व्यक्ति सुखी था, लेकिन रावण के शासन के दौरान, लोग कष्टों को झेलते थे जो अब हम देख रहे हैं.
अमित शाह ने कांग्रेस को लेकर क्या कहा था, जानिए
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए कहा, पार्टी ने विरोध के लिए 5 अगस्त को चुना और उसके नेताओं ने काले कपड़े पहने क्योंकि वे आगे बढ़ने के लिए एक संदेश देना चाहते हैं. अपनी तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दें, जिस दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 साल पहले अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर की नींव रखी थी. गृह मंत्री ने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की जांच का हवाला दिया और कहा, एजेंसी ने शुक्रवार को न तो तलब किया और न ही पूछताछ की और न ही छापा मारा और कांग्रेस (Congress) ने विरोध किया.
अमित शाह (Amit Shah) ने एएनआई को बताया, मुझे समझ में नहीं आता कि उन्होंने आज विरोध क्यों किया. हर दिन जब वे विरोध करते थे, तो वे अपनी सामान्य सामान्य पोशाक पहनते थे लेकिन आज उन्होंने काले कपड़े पहने थे. कांग्रेस (Congress) ने विरोध के लिए इस दिन को चुना और काले कपड़े पहने क्योंकि वे एक संदेश देना चाहते थे. अपनी तुष्टिकरण की राजनीति को और बढ़ावा देने के लिए क्योंकि इसी दिन पीएम मोदी ने राम जन्मभूमि की नींव रखी थी.
