नई दिल्ली. राजस्थान के उदयपुर में जारी कांग्रेस पार्टी की चिंतन शिविर में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यकों का अधिक संख्या में प्रतिनिधित्व देने का मुद्दा उठाया गया है. कांग्रेस अपने संगठन में हर स्तर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशित सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकती है. पार्टी के नेता के. राजू ने बताया कि चिंतन शिविर में चर्चा के दौरान यह प्रस्ताव आया है और इसे अनुमोदन के लिए कांग्रेस कार्य समिति के पास भेजा जा सकता है.
इस खबर में ये है खास-
- कांग्रेस को पुनर्जीवित करने पर चर्चा
- सामाजिक न्याय सलाहकार समिति बनाने पर विचार
कांग्रेस को पुनर्जीवित करने पर चर्चा
उदयपुर में तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ के विचार-मंथन सत्र के दूसरे दिन प्रेस ब्रीफिंग में, जहां कांग्रेस अपने झंडे वाले चुनावी भाग्य को पुनर्जीवित करने के लिए रणनीतियों पर काम कर रही है. शिविर में पार्टी नेता के राजू ने कुछ बदलावों पर चर्चा की. चिंतन शिविर के लिए गठित कांग्रेस की सामाजिक न्याय संबंधी समन्वय समिति के सदस्य राजू ने संवाददाताओं से कहा कि इसको लेकर चर्चा की गई कि क्या संगठनात्मक सुधार करने चाहिए जिससे पार्टी कमजोर तबकों तक संदेश दे सके.
सामाजिक न्याय सलाहकार समिति बनाने पर विचार
कांग्रेस नेता ने बताया कि यह प्रस्ताव भी आया है कि कांग्रेस के अध्यक्ष के अंतर्गत एक सामाजिक न्याय सलाहाकर समिति बनाई जाए. यह समिति सुझाव देगी कि क्या कदम उठाने चाहिए कि इन तबकों का विश्वास जीता जा सके. राजू ने कहा कि कमजोर वर्गों के लिए हर छह महीने में एक बार कांग्रेस कार्यसमिति का विशेष सत्र बुलाया जाएगा.
