नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की एक अदालत ने सोमवार को जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का निर्देश दिया, जहां एक शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है. अब कोर्ट के आदेश पर ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी हैं. ओवौसी ने कहा, मैं सियासत नहीं कर रहा हूं. लोअर कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसला का कैसे उल्लंघन करता है.आरएसएस के पास 50 हजार से ज्यादा लिस्ट है, जहां वो कहते हैं कि यह मस्जिद एक जमाने में मस्जिद थी. चलिए जानते हैं और क्या बोले ओवैसी.
खबर में खास
- आपने दरवाजे खोल दिए हैं
- मेरे हिजाब, मेरे हलाल पर खतरा है
- कोर्ट से उस स्थान को सील करने को कहा
आपने दरवाजे खोल दिए हैं
ओवैसी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, मैं इस मामले पर शुरू से कह रहा हूं, जब बाबरी मस्जिद का फैसला आया था तो मैंने कहा था कोर्ट ने फैसला गलत दिया है. ये आस्था की बुनियाद में दिया गया निर्णय है. आपने दरवाजे खोल दिए हैं कि दोबारा वह जाकर उन तमाम चीजों को खोलेंगे. ओवैसी ने आगाह किया कि यही साल 1949 में हुआ था. यह रुकने वाली चीज नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने SC ने अपने जजमेंट में कहा कि 1991 का एक्ट भारत के संविधान का हिस्सा है.
मेरे हिजाब, मेरे हलाल पर खतरा है
ओवैसी ने कहा, ऐसे मामलों पर हमने फिर संसद में ये एक्ट क्यों बनाया? क्यों सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट दिया? आखिर कब तक हमको इस तरह से धोखा देते रहेंगे. मेरे हिजाब, मेरे हलाल पर खतरा है. मेरी दुकान को आप तोड़ेंगे. अब आप मस्जिद को भी छीन लेंगे. फिर कानून क्यों बनाया गया? AIMIM नेता ओवैसी ने कहा कि जैसे पता चला कि शिवलिंग निकला है. कोर्ट ने बोला सील कर दो. यूपी के उपमुख्यमंत्री ट्वीट भी कर रहे हैं. मुझे 1991 के एक्ट की संविधान की चिंता है, इसलिए यह मुद्दा उठा रहा हूं.
कोर्ट से उस स्थान को सील करने को कहा
बता दें कि हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित करने की मांग पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने कहा, कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में शिवलिंग का मिलना महत्वपूर्ण साक्ष्य है. कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया, जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है.
