Digital Lok Adalat: भारत (India) की पहली एंड-टू-एंड डिजिटल लोक अदालत (Digital Lok Adalat) 13 अगस्त को राजस्थान राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और महाराष्ट्र राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण की तरफ से आयोजित की जाएगी. लोक अदालत के डिजिटलीकरण (Digital Lok Adalat) से आम लोगों को अपने घरों में आराम से न्याय प्राप्त करने में सुविधा होगी. देश भर की कई अदालतों में बढ़ते मामले को देखते हुए यह भारतीय न्यायिक प्रणाली के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा. जुपिटिस, जो दुनिया की पहली जस्टिस टेक्नोलॉजी कंपनी होने का दावा करती है, इस आयोजन की मेजबानी करने के लिए तैयार है.
खबर में खास
- भारत की पहली डिजिटल लोक अदालत
- रिकॉर्ड मामलों को हल करके सुर्खियां में
- सुविधा और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा
भारत की पहली डिजिटल लोक अदालत
एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और ब्लॉकचेन के जरिए संचालित इस डिजिटल लोक अदालत (Digital Lok Adalat) को जुलाई में जयपुर में आयोजित 18वीं अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बैठक के दौरान राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने लॉन्च किया था.
डिजिटल लोक अदालत (Digital Lok Adalat) पूरे भारत में विवाद समाधान पारिस्थितिकी तंत्र के परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगी. यह ‘न्याय की आसानी’ को भी बढ़ाएगा. लोक अदालत के अनुवादित वर्जन को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके कई हितधारकों की उभरती मांगों के अनुकूल बनाने के लिए डिजाइन, विकसित और कार्यान्वित किया गया है.
रिकॉर्ड मामलों को हल करके सुर्खियां में
पूर्व में आयोजित भौतिक लोक अदालतें पहले से ही एक ही दिन में रिकॉर्ड मामलों को हल करके सुर्खियां बटोर रही हैं. एमएसएलएसए के सदस्य सचिव दिनेश पी सुराणा ने कहा, यह डिजिटलाइजेशन न केवल एमएसएलएसए को अपने बैक-एंड प्रशासनिक कार्य को आसान बनाने में मदद करेगा, बल्कि आम लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा, जब यह मुकदमेबाजी से पहले के मामलों के त्वरित समाधान की बात आती है.
सुविधा और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा
जस्टिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और सीईओ रमन अग्रवाल ने कहा कि जुपिटिस की डिजिटल लोक अदालत (Digital Lok Adalat) का इस्तेमाल महाराष्ट्र और राजस्थान द्वारा मुकदमे से पहले के चरणों में लंबित विवादों / विवादों को जल्दी और कुशलता से निपटाने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जुपिटिस की ऑनलाइन सेवाओं से लोक अदालत (Digital Lok Adalat) का प्रशासनिक कार्य न केवल अधिक लागत प्रभावी होगा, बल्कि प्रक्रिया में शामिल सभी हितधारकों के लिए दक्षता, सुविधा और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा.
लोक अदालत की दृष्टि से सभी को न्याय प्रदान करने के लिए, न्याय ने अपनी सेवाओं को अधिक सुलभ, सस्ती, लागत प्रभावी, पारदर्शी, जवाबदेह, न्यायसंगत और सुरक्षित बनाने के लिए एआई-संचालित डिजिटल लोक अदालत (Digital Lok Adalat) विकसित की है. यह गैर-प्रतिकूल है. अग्रवाल ने कहा कि विवाद समाधान का दृष्टिकोण निश्चित रूप से समाज को एकजुट करने और सामंजस्य स्थापित करने के लिए एक लाभकारी उपकरण होगा.
