नई दिल्ली. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की एक सभा के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर पाकिस्तान का बिना नाम लिए जमकर खरी खोटी सुनाई. जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों पर प्रभावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है, चाहे वह महामारी, जलवायु परिवर्तन, संघर्ष या आतंकवाद हो. विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, दुनिया जिसे अस्वीकार्य मानती है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए.”
इस खबर में ये है खास-
- UN में पाक ने उठाया था कश्मीर मुद्दा
- पाक ने की शांति और सुरक्षा की बात
- पाकिस्तान को जयशंक ने जमकर लताड़ा
UN में पाक ने उठाया था कश्मीर मुद्दा
पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए जयशंकर ने कहा कि जिसने ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की और पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया. उसका संयुक्त राष्ट्र में उपदेश देने की जरूरत नहीं है. जयशंकर की प्रतिक्रिया तब आई जब बिलावल भुट्टो ने यूएनएससी की भारत की दिसंबर की अध्यक्षता के तहत सुधारित बहुपक्षवाद (NORM) के लिए नई ओरिएंटेशन पर बहस के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया.
पाक ने की शांति और सुरक्षा की बात
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की छतरी के नीचे बहुपक्षीय समाधान शांति को बढ़ावा देने और संघर्षों को हल करने के लिए सबसे प्रभावी दृष्टिकोण प्रदान करते हैं. भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान का दृढ़ विश्वास है कि सुरक्षा परिषद की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से उसके क्षेत्र सहित प्रमुख सुरक्षा समस्याओं को प्रभावी ढंग से और शांतिपूर्वक हल किया जा सकता है.
पाकिस्तान को जयशंक ने जमकर लताड़ा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नई दिशा’ विषय पर खुली बहस की अध्यक्षता करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘हम स्पष्ट रूप से आज बहुपक्षवाद में सुधार की तात्कालिकता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. स्वाभाविक रूप से हमारे अपने विशेष विचार होंगे, लेकिन कम से कम एक समानता बढ़ रही है कि इसमें और देरी नहीं की जा सकती.’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया जिसे अस्वीकार्य मानती है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए. जय शंकर ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा पड़ोसी देश की संसद पर हमला करने वाले और लादेन की मेजबानी करने वाले उपदेश न दें.
