काली फिल्म को लेकर विवाद बढ़ता देखकर कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने कनाडा के अधिकारियों और टोरंटो में एक संग्रहालय के कार्यक्रम के आयोजकों से सभी को वापस लेने की अपील की किया है. फिल्म निर्माता और कवयित्री, लीना मणिमेकलई को काली के पोस्टर के लिए ट्विटर पर गंभीर प्रतिक्रिया मिली. हालांकि, वह अडिग रही. सोमवार सुबह से ही ट्विटर पर #arrestleenamanimekalai हैशटैग ट्रेंड कर रहा है.
खबर में खास
- हिंदू समुदाय के नेताओं से शिकायतें मिली
- ‘भड़काऊ सामग्री’ वापस लेने का आग्रह
- ‘काली’ पोस्टर विवाद
हिंदू समुदाय के नेताओं से शिकायतें मिली
फिल्म निर्माता के एक ट्वीट में कहा गया है कि काली के पोस्टर टोरंटो में आगा खान संग्रहालय में कनाडा के लय खंड का हिस्सा था. शनिवार (2 जुलाई) को, मणिमेकलाई ने टोरंटो में आगा खान संग्रहालय में चल रही अपनी हालिया फिल्म के लॉन्च को शेयर करते हुए यह ट्वीट पोस्ट किया था. कनाडा के ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने सोमवार शाम (भारत समय) कहा कि उसे काली पोस्टर को लेकर कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं से शिकायतें मिली हैं.
‘भड़काऊ सामग्री’ वापस लेने का आग्रह
उच्चायोग ने कहा, हमें कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं से आगा खान संग्रहालय, टोरंटो में ‘अंडर द टेंट’ परियोजना के हिस्से के रूप में प्रदर्शित एक फिल्म के पोस्टर पर हिंदू देवताओं के अपमानजनक फोटो के बारे में शिकायतें मिली हैं. टोरंटो में हमारे महावाणिज्य दूतावास ने कार्यक्रम के आयोजकों को इन चिंताओं से अवगत कराया है. हमें यह भी सूचित किया गया है कि कई हिंदू समूहों ने कार्रवाई करने के लिए कनाडा में अधिकारियों से संपर्क किया है. हम कनाडा के अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों से इस तरह की भड़काऊ सामग्री को वापस लेने का आग्रह करते हैं.
‘काली’ पोस्टर विवाद
इससे पहले दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय को एक शिकायत में, ‘गौ महासभा’ के प्रमुख, अजय गौतम ने फिल्म निर्माता के खिलाफ प्राथमिकी और उसके वृत्तचित्र पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जिसमें कहा गया था कि यह धार्मिक भावनाओं को आहत करता है. यह सब तब शुरू हुआ जब लीना ने पोस्टर को ट्वीट किया जिसमें काली देवी के वेश में एक महिला को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है. बैकग्राउंड में LGBT समुदाय का झंडा दिखाई दे रहा है.
