नई दिल्लीः दुनिया में गेंहू की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. आधिकारिक अधिसूचना से यह जानकारी मिली है. हालांकि विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा कि इससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (LOC) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी.
इस खबर में ये है खास
- पैदावार में कमी की आशंका
- जरूरतमंद देशों का रखा ख्याल
- रूस-यूक्रेन युद्ध का पड़ा असर
- निर्यात पर सरकार ने तत्काल रोक लगाई
पैदावार में कमी की आशंका
भारत में भी गेहूं की कीमत तेजी से बढ़ी है. कई प्रमुख राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी सुस्त चल रही है और लक्ष्य से काफी कम गेहूं की खरीदारी हुई है. इसकी वजह यह है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा कीमत बाजार में मिल रही है. साथ ही इस बार पैदावार में भी कमी की आशंका है.
जरूरतमंद देशों का रखा ख्याल
सरकार ने देश में खाद्यान्न की कीमतों को कंट्रोल में रखने, खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने और जरूरतमंद विकासशील एवं पड़ोसी देशों (खासकर श्रीलंका संकट को देखते हुए) का ख्याल रखते हुए भी ये फैसला किया है. सरकार ने अपने आदेश में साफ किया है कि गेहूं का निर्यात उन देशों के लिए संभव होगा, जिनके लिए भारत सरकार अनुमति देगी. इस संबंध में सरकार जरूरतमंद विकासशील देशों की सरकार के आग्रह के आधार पर फैसला लेगी ताकि वहां भी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
रूस-यूक्रेन युद्ध का पड़ा असर
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ब्लैक सी इलाके से गेहूं का निर्यात प्रभावित हुआ है. दुनिया में गेहूं का एक चौथाई ट्रेड वहीं से होता है. भारत इस कमी को पूरा कर रहा है. यही वजह है कि देश से गेहूं का निर्यात बढ़ा है. देश में गेहूं और आटे की खुदरा महंगाई अप्रैल में बढ़कर 9.59% पहुंच गई जो मार्च में 7.77% थी. इस साल गेहूं की सरकारी खरीद में करीब 55% गिरावट आई है क्योंकि खुले बाजार में गेहूं की कीमत ज्यादा मिल रही है.
निर्यात पर सरकार ने तत्काल रोक लगाई
DGFT ने कहा कि गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है. उसने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की मंजूरी दी जाएगी. एक अलग अधिसूचना में DGFT ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की. DGFT ने कहा कि प्याज के बीज की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा जाता है. पहले प्याज के बीज का निर्यात प्रतिबंधित था.
