केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और रामचंद्र प्रसाद सिंह ने राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान देश व लोगों की सेवा के लिए दोनों नेताओं की सराहना की थी. प्रधानमंत्री की सराहना को इस संकेत के रूप में देखा गया कि आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक दोनों नेताओं के लिए आखिरी थी. दोनों नेताओं का राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यकाल सात जुलाई यानी गुरुवार को समाप्त हो रहा है. नकवी को भाजपा ने पिछले दिनों हुए राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में कहीं से उम्मीदवार नहीं बनाया था. आरसीपी सिंह जनता दल यूनाईटेड के कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री थे. उन्हें भी जदयू ने अगला कार्यकाल नहीं दिया है. सिंह के पास इस्पात मंत्रालय का प्रभार था. वहीं, नकवी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री थे. वह राज्यसभा में भाजपा के उपनेता हैं.
खबर में खास
- उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है बीजेपी
- उम्मीदवार के लिए नेताओं के नाम, नकवी का नाम आगे
- वाजपेयी सरकार में सूचना प्रसारण राज्य मंत्री बने थे
- 2019 में मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए
उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकती है बीजेपी
मुख्तार अब्बास नकवी के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी उन्हें उपराष्ट्रपति बना सकती है. उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव आयोग ने तारीख घोषित कर दी है और 6 अगस्त को इसके लिए चुनाव होने हैं. अभी बीजेपी और एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. हालांकि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एनडीए की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा कई और नाम चल रहे हैं.
उम्मीदवार के लिए नेताओं के नाम, नकवी का नाम आगे
सबसे बड़ी बात तो कई लोग यह दावा कर रहे हैं कि वेंकैया नायडू को बीजेपी रिपीट कर सकती है. कैप्टन अमरिंदर सिंह, मनोज सिन्हा, नजमा हेपतुल्ला, हरदीप सिंह पुरी और आरिफ मोहम्मद खान का नाम चर्चा में है लेकिन मुख्तार अब्बास नकवी की पहले संसद सदस्यता खत्म होने और उसके बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफे के चलते इनका दावा मजबूत नजर आ रहा है.
वाजपेयी सरकार में सूचना प्रसारण राज्य मंत्री बने थे
मुख्तार अब्बास नकवी 2010 से 2016 तक यूपी से बीजेपी के राज्यसभा सांसद रहे और 2016 में उन्हें झारखंड से राज्यसभा भेजा गया. वाजपेयी सरकार में 1998 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री बनाए गए थे.
2019 में मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए
26 मई 2014 को वे मोदी सरकार में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने थे. नजमा हेपतुल्ला के इस्तीफे के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला. 30 मई 2019 को वे मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का जिम्मा दिया गया.
