नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को अपने विमान वाहक संचालन के लिए लड़ाकू जेट की आवश्यकता है जिसके लिए उसने फ्रांसीसी राफेल और अमेरिकी एफ -18 विमान का परीक्षण किया है. नौसेना में स्वदेशीकरण पर एक संवाददाता सम्मेलन में नौसेना के वाइस चीफ एडमिरल एसएन घोरमडे ने कहा, अमेरिकी और फ्रांसीसी विमानों का परीक्षण विमान वाहक संचालन के लिए उनकी क्षमता जानने के लिए किया गया है.
खबर में खास
- विमान खरीदने पर विचार कर रहे हैं
- ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर
- स्वदेशीकरण को प्रोत्साहित करना चाहते हैं
- हम प्रोजेक्ट 75 इंडिया के साथ जारी हैं
विमान खरीदने पर विचार कर रहे हैं
राफेल और बोइंग F-18 के परीक्षण ने विमान वाहक से संचालन की उनकी क्षमता को साबित करने के लिए किया है. हमारा उद्देश्य स्वदेशीकरण है. हमारे पास एक ट्विन इंजन डेक आधारित लड़ाकू (TEDBF) विमान योजना है, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा. उस समय तक स्वदेशी परियोजना होती है, हम inter-सरकारी समझौते के तहत विदेशी स्रोतों से विमान खरीदने पर विचार कर रहे हैं.
ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर
ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन का एक विकासात्मक कार्यक्रम है. यह नेवल लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA), तेजस का उन्नत संस्करण होगा. नौसेना ने पहले विदेशी स्रोतों से विमान खरीदने की योजना के तहत 57 लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन अब उस आवश्यकता को आधे से ज्यादा कम कर दिया गया है.
स्वदेशीकरण को प्रोत्साहित करना चाहते हैं
भारतीय नौसेना कब तक पारंपरिक पनडुब्बियों को अपने दम पर बनाने में सक्षम होगी, इस सवाल का जवाब देते हुए, नौसेना प्रमुख ने कहा, हम यहां स्वदेशीकरण को प्रोत्साहित करना चाहते हैं. विचार यह है कि हम यहां कुछ क्षमताओं का विकास करते हैं और भविष्य के लिए स्वदेशीकरण के लिए क्षमताओं का निर्माण करते हैं.
जानें क्या इंडिया प्रोजेक्ट 75
घोरमडे ने प्रोजेक्ट 75 इंडिया की वर्तमान स्थिति पर कहा, हम प्रोजेक्ट 75 इंडिया के साथ जारी हैं. भारतीय नौसेना की परियोजना 75 भारत, 60,000 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत छह आधुनिक पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण की योजना है.
