अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 6 दिन पहले यासीन मलिक को टेरर फंडिंग केस में दोषी करार दिया गया था और सजा के लिए आज यानी 25 मई की तारीख मुकर्रर की गई थी. आज शाम 6 बजे के बाद विशेष एनआईए कोर्ट ने यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. यासीन मलिक पर सजा के फैसले को लेकर कश्मीर से लेकर दिल्ली तक सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रखी गई है. उधर कश्मीर में पत्थरबाजी होने की भी खबरें आ रही हैं और यासीन मलिक के घर के आसपास आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं.
खबर में खास
- सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी
- यासीन मलिक ने कबूल किया था गुनाह
- यासीन आपराधिक साजिश का दोषी
- देशद्रोह यानी 124ए लगाई गई
सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी
यासीन मलिक को आजीवन कारावास के अलावा 10 अपराधों में 10 वर्ष का कठोर कारावास व 10 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. अधिवक्ता उमेश शर्मा ने यह जानकारी दी.
यासीन मलिक ने कबूल किया था गुनाह
इससे पहले पिछले दिनों यासीन मलिक ने कबूल किया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों (Terror Activities In Kashmir) में शामिल था. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी माना था. इसके अलावा कोर्ट ने जांच एजेंसी एनआईए को कहा था कि वह यासीन मलिक की आर्थिक हालात का पता करे. इसके अलावा यासीन मलिक को भी अपनी संपत्ति के बारे में एफिडेविट देने को कहा गया था.
यासीन आपराधिक साजिश का दोषी
बता दें कि यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, कश्मीर में शांति भंग के अलावा और कई अन्य गैर कानूनी गतिविधियों में मुकदमा दर्ज था. हाल ही में मलिक ने अपना गुनाह भी कबूल किया था. सुनवाई की अंतिम तारीख पर उसने कोर्ट को बताया था कि वह धारा 16ए, 17, 18 और यूएपीए की धारा 20 के अलावा आईपीसी की धारा 120बी और 124ए सहित खुद पर लगाए गए आरोपों का मुकाबला नहीं करेगा.
देशद्रोह यानी 124ए लगाई गई
यासीन मलिक पर यूएपीए की धारा 16 जिसका मतलब आतंकी गतिविधियों में शामिल होना है, धारा 17 जिसका मतलब टेरर फंडिंग से है और धारा 18 मतलब आतंकी साजिश के अलावा धारा 20 मतलब आतंकी संगठन से संबंध रखने के अलावा आईपीसी की धारा 120 बी और देशद्रोह यानी 124ए लगाई गई है.
