Pabhojan Gold tea: ऐसा कहा जाता है कि भारत में अंग्रेजों के आने से पूर्व चाय का चलन नहीं था लेकिन अंग्रजों ने भारतीयों को सस्ते नशे के रुप में चाय की आदत लगा दी. अब आलम यह है कि महानगरों से लेकर सुदूर गांवों तक चाय सबसे पहले आहार के रुप में अपनी कभी न खत्म होने वाली पहचान बना चुका है. कुछ लोग तो चाय के इतने आदि हैं कि उन्हें खाना मिले न मिले चाय जरुर मिलना चाहिए. ऐसे लोगों की शिकायत ये रहती है कि चाय नहीं मिलने पर उनका सर नाचने लगता है तो वहीं कुछ लोगों का पेट चाय पीने के बाद ही साफ होता है. चाय का शौक अब मजबूरी में तब्दील हो चुका है. और यही वजह है कि बाजार में चाय की कई वेराइटी आ चुकी है जिसकी कीमत भी अलग अलग है. चाय की कीमत 10 रुपये से लेकर लाखों तक है. लोग अपनी अपनी हैसियत के अनुसार चाय की चुस्कियां लेते हैं.
खबर में खास
- एक लाख रुपये किलो चाय
- चाय की खूबी
एक लाख रुपये किलो चाय
जैसा कि हम उपर चर्चा कर चुके हैं कि चाय की कीमत 10 रुपये से शुरु होकर लाखों तक होती है. इसलिए हम आपको एक ऐसे चाय के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कीमत एक लाख रुपये किलो है. ये चाय है ‘पाभोजन गोल्ड टी’. ये जैविक चाय है जो आसाम के गोलाघाट जिले के जोराहाट निलामी केंद्र में एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकी है. साल 2022 में बिकने वाली यह सबसे मंहगी चाय है. चाय की इस किस्म को पाभोजन ऑर्गेनिक टी एस्टेट द्वारा बेचा गया और इसे असम स्थित चाय ब्रांड एसा टी ने खरीदा.
चाय की खूबी
‘पभोजन गोल्ड टी’ स्वादिष्ट और चमकदार पीला पेय है. इसे चाय के बागानों से चाय की दूसरी खेप के चुनिंदा उपरी पत्तों को तोड़कर बनाया जाता है. तोड़ने के बाद ये पत्तियां सुनहरे रंग की हो जाती हैं जो पेय मे तब्दिल होने के बाद और बेहतरीन रंग और सुगंध में ढ़ल जाती हैं. ‘पभोजन गोल्ड टी’ का उत्पादन करने वाली राखी दत्ता सैकिया के अनुसार यह दुर्लभ किस्म की चाय जिसका सिर्फ एक किलो ही उत्पादन किया गया और रिकॉर्ड कीमत पर बिका. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि चाय की इस किस्म के माध्यम से असम चाय उद्दोग एकबार फिर अपने पुराने गौरव को प्राप्त करेगा.
