2014 से उभार के बाद अब तक पीएम मोदी के राजनीतिक जीवन में कई ऐसे मौके भी आए, जब उन्हें शर्मनाक हालात से गुजरना पड़ा. कई बार पीएम मोदी को अपने कदम पीछे खींचने पड़े. आखिर ऐसा क्यों होता है कि पीएम मोदी कभी अपराजेय दिखते हैं तो कई बार उन्हें बैक गियर भी लगाना पड़ता है. अभी हाल के दिनों में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने युवाओं के लिए अग्निपथ स्कीम लांच की है, जिसका व्यापक विरोध हो रहा है. क्यों पीएम मोदी की जिंदगी में आते हैं उतार—चढ़ाव, इसके लिए उनकी कुंडली के बारे में जानना बहुत जरूरी है. क्या कहती है पीएम मोदी की कुंडली और क्या है उसमें खास?
पीएम नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को मेहसाणा, गुजरात के वडनगर में हुआ था. उनके जन्म का समय दिन का मध्य मान लिया जाए ‘यदि उनका यह जन्म विवरण सत्य है’ तो उनकी कुंडली के लग्न में लग्नेश मंगल, भाग्येश चंद्रमा के साथ, पराक्रमेश और सुखेश शनि कर्म भाव में सप्तमेश और व्ययेश शुक्र के साथ, राहु पंचम भाव में शत्रु सूर्य के घर में और बुध एकादश में स्वाग्रही होकर मित्र सूर्य और केतु के साथ विराजमान है
वहीं प्रयागराज के पंडित प्रमोद शुक्ला कहते हैं, लग्न का स्वग्रही मंगल इन्हें अदम्य साहसी, जुझारू, ऊर्जावान और सक्रिय बनाकर विरोधियों की मंशाओं को फेल कर देगा. शनि की मूल त्रिकोण राशि कुंभ, केंद्र में है. राजनीति की शतरंज के बिसात पर ऐसे लोग आगे की कई चाल पहले ही चल देने के लिए जाने जाते हैं.
मोदी ही नहीं बल्कि जिस किसी की कुंडली मंगल की महादशा में राहु की अंतर्दशा चल रही होण् उसके लिए एक बरस सोलह दिन का यह काल खंड छोटे-बड़े आकस्मिक तनाव देगा. अग्नि, कीट व शत्रुओं से भय का भी योग है. कार्यों में विचित्र तरह के विघ्न दरपेश आएंगे. अंतर्मन में बेचैनी रहेगी. इस दरम्यान मामूली स्वास्थ्य समस्याओं और दुर्घटनाओं के प्रति सजग रहने की दरकार है. इन सभी लोगों को जोखिम लेने से बचना चाहिए. लचीले रुख़ से लाभ होगा.
