बोरिस जॉनसन (Borsi Johnson) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. दो दिनों से उन पर इस्तीफा देने का जबर्दस्त प्रेशर था. इसके साथ ही पीएम मोदी (PM Modi) के इंटरनेशनल दोस्तों की संख्या में एक नंबर और कम हो गया है. यह इत्तेफाक है या अजीब संयोग पीएम मोदी सत्ता में होते हुए नित नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं और उनके इंटरनेशनल सत्ताधारी दोस्तों की संख्या में लगातार कमी होती जा रही है. पीएम मोदी के इंटरनेशनल सत्ताधारी दोस्तों को या तो इस्तीफा देना पड़ा या फिर वे चुनाव ही हार गए. इस लिस्ट में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump), बेंजामिन नेतन्याहू (Benzamin Netanyahu), बोरिस जॉनसन (Boris Johnson), शिंजो आबे (Shinzo Abe), फ्रांस्वा ओलांद, नवाज शरीफ आदि नेता शामिल हैं. इनकी सत्ता जा चुकी है. बराक ओबामा और पीएम मोदी भी एक दूसरे के गले लगे थे और उसके बाद ओबामा की पार्टी ट्रंप के हाथों चुनाव हार गई थी. हालांकि ओबामा उस चुनाव में उम्मीदवार नहीं थे. वहीं इस लिस्ट में 2 अपवाद भी हैं- इमैनुएल मैक्रो और व्लादिमीर पुतिन. इन दोनों की सत्ता अब भी बहाल है. हालांकि दूसरी तरफ पीएम मोदी की सत्ता शानदार तरीके से चल रही है.
पीएम मोदी की सबसे ज्यादा केमिस्ट्री डोनाल्ड ट्रंप से मिलने का दावा किया जाता रहा है. बताया जाता है कि डोनाल्ड ट्रंप ने जब 2020 में भारत का दौरा किया था तो गुजरात के मोटेरा स्टेडियम में उन्होंने 27 मिनट तक और पीएम मोदी ने दो बार में 21 मिनट तक भाषण दिया था. 27 मिनट के भाषण में ट्रंप ने 15 बार पीएम मोदी का नाम लिया था और पीएम मोदी ने अपने 21 मिनट के भाषण में 21 बार ट्रंप का उच्चारण किया था. 3 घंटे की मुलाकात में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप 7 बार गले मिले और 9 बार हाथ मिलाया था. डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हार गए थे.
2019 में जब पीएम मोदी जी 20 की बैठक में शामिल होने जापान के ओसाका की यात्रा पर गए थे तो वे जापान के तत्कालीन पीएम और अपने इंटरनेशनल दोस्त शिंजो आबे से गर्मजोशी से मिले थे. दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगा लिया. दोनों नेताओं के बीच जबर्दस्त केमिस्ट्री देखने को मिली थी. पीएम मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए जापान के पीएम शिंजो आबे की जबर्दस्त तरीके से प्रशंसा की थी और जी 20 की मेजबानी की तारीफ भी की थी. शिंजो आबे अब सत्ता में नहीं हैं.
2017 में पीएम मोदी इजरायल के दौरे पर गए थे और तस्वीर बताते हैं कि मुलाकात के शुरुआती 10 मिनट में ही पीएम मोदी और नेतन्याहू 3 बार गले मिले थे. पीएम मोदी के इजरायल दौरे को लेकर गर्मजोशी जितनी इजरायल में थी, उतनी ही भारत में भी थी. इसका कारण यह था कि पीएम मोदी के रूप में भारत के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार इजरायल की यात्रा की थी. दूसरी ओर, जब बेंजामिन ने नई दिल्ली की यात्रा की थी, तब भी उसी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया था. तब भी पीएम मोदी और नेतन्याहू गले मिले थे. बेंजामिन नेतन्याहू भी अब भूतपूर्व हो गए हैं.
प्रधानमंत्री बनने के बाद जब पहली बार पीएम मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए तब भी बराक ओबामा और उनकी शानदार केमिस्ट्री देखने को मिली थी. दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगा लिया था. ओबामा ने गर्मजोशी से पीएम मोदी की अगवानी की थी. दोनों के बीच की केमिस्ट्री का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि एक साल के भीतर पीएम मोदी और बराक ओबामा की पांच बार मुलाकातें हुई थीं. अगले चुनाव में बराक ओबामा की पार्टी चुनाव हार गई थी.
पीएम मोदी ने दिसंबर 2015 में पाकिस्तान की अचानक यात्रा कर सभी को चौंका दिया था. दरअसल, भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने के लिए पीएम मोदी ने यह पहल की थी. इस दौरे में नवाज शरीफ ने भी उनका दिल खोलकर स्वागत किया था. दोनों नेता गले भी मिले थे. दोनों नेताओं ने ऐसी आत्मीयता दिखाई, जो दो देशों के शासनाध्यक्षों के बीच कम ही दिखाई देती है. आलम यह था कि पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए नवाज शरीफ आधे घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंच गए थे. वहां से दोनों हेलीकॉप्टर में साथ बैठे और नवाज शरीफ अपने पुश्तैनी घर रायविंड ले गए. इस दौरान पीएम मोदी ने नवाज शरीफ की मां के पैर भी छुए थे. नवाज शरीफ को देश ही छोड़ना पड़ गया था.
जनवरी 2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भारत दौरे पर आए थे. पीएम मोदी ने चंडीगढ़ के रॉक गार्डन में फ्रांस्वा ओलांद का गले लगकर स्वागत किया था. इस दौरान ओलांद के स्वागत में पारंपरिक पंजाबी लोकनृत्व गिद्धा भी पेश किया गया था. इससे पहले जब पीएम मोदी फ्रांस की यात्रा पर गए थे तो फ्रांस्वा ओलांद ने उन्हें पेरिस की शाम दिखाई थी. तब भी दोनों नेताओं ने एक दूसरे को झप्पी दी थी. फ्रांस्वा ओलांद चुनाव हार गए थे.
अन्य देशों के नेताओं की तरह पीएम मोदी की जब भी व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात हुई तब भी गर्मजोशी देखने को मिली. 2019 में जब पीएम मोदी रूस के शहर व्लादिवोस्तोक पहुंचे तो व्लादिमीर पुतिन ने उनका जोरदार स्वागत किया था. दोनों नेताओं के बीच की केमिस्ट्री साफ दिख रही थी. दोनों नेता चिर परिचित अंदाज में गले मिले और एक दूसरे को झप्पी दी थी. वहां पीएम मोदी को गार्ड आफ आनर भी दिया गया. व्लादिमीर पुतिन अपवाद बने हुए हैं.
2018 में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भारत ने की यात्रा की थी. पीएम मोदी ने उनकी जबर्दस्त तरीके से आवभगत की थी. दोनों नेता गले भी मिले थे. अब यह बताने की जरूरत नहीं है कि अशरफ गनी का क्या हुआ. तालिबानियों के डर से अशरफ गनी हेलीकॉप्टर पर सवार होकर देश छोड़कर भाग गए थे.
