कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहे जाने से राजनीति में उबाल आ गया है. बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संसद से सड़क तक बीजेपी नेता सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं. भाजपाइयों का कहना है कि कांग्रेस नेता ने राष्ट्रपति मुर्मू का ही अपमान नहीं किया, बल्कि पूरे दलित और आदिवासी समाज का अपमान किया है. कांग्रेस किसी आदिवासी महिला को इस पद पर देखना ही नहीं चाहती थी. संसद में आज (शुक्रवार को) भी इस मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया, जिसकी वजह से लोकसभा को 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा है.
इस खबर में ये है खास
- गहन चर्चा से निकला था 'राष्ट्रपति' शब्द
- और कौन-कौन से शब्द दिए गए थे?
- पहले कांग्रेस अध्यक्ष कहलाता था राष्ट्रपति!
- अधीर रंजन को महिला आयोग ने किया तलब
गहन चर्चा से निकला था ‘राष्ट्रपति’ शब्द
देश के सर्वोच्च पद यानी प्रेसिडेंट के लिए हिंदी में किस शब्द का इस्तेमाल हो, इस पर आजादी के तुरंत बाद ही मंथन शुरू हो गया था. जानकारी के मुताबिक जुलाई 1947 में इस बात पर बहस हुई थी कि प्रेसिडेंट आफ इंडिया के लिए हिंदी में क्या शब्द प्रयोग किया जाए? उस वक्त संविधान सभा के सदस्यों की ओर से तमाम सारे शब्दों का सुझाव दिया गया था. लेकिन अंत में राष्ट्रपति शब्द पर ही सबकी सहमति बन गई और इस शब्द को ही मान्यता मिल गई.
और कौन-कौन से शब्द दिए गए थे?
संविधान सभा में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के लिए तमाम शब्दों का सुझाव दिया गया था. सरदार, प्रधान, नेता और कर्णधार जैसे शब्दों पर काफी चर्चा की गई थी. हालांकि इनमें से किसी शब्द पर सहमति नहीं बनी और अंत में हिंदी में ‘राष्ट्रपति’ शब्द को ही अपनाया गया. संविधान सभा में इस शब्द को लैंगिग नहीं माना गया था. ऐसे और भी पद हैं जिनमें लैंगिक आधार पर कोई भेद नहीं है. सभापति (चेयरपर्सन) और कुलपति (वाइस चांसलर) इसी का उदाहरण हैं. इन पदों पर बैठने वाला चाहे पुरुष हो या महिला, कोई फर्क नहीं पड़ता.
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पहले कांग्रेस अध्यक्ष कहलाता था राष्ट्रपति!
आजादी के वक्त तक भारत के प्रतिनिधित्व के तौर पर कांग्रेस पार्टी को ही मान्यता मिली थी. ब्रिटिश सरकार की यदि भारतीय जनता के लिए कोई संदेश देना होता था, तो कांग्रेस पार्टी को ही भेजा जाता था. इतना ही नहीं ब्रिटिश सरकार ने सत्ता का हस्तांतरण भी कांग्रेस अध्यक्ष को ही किया था. उस वक्त जेबी कृपलानी कांग्रेस के अध्यक्ष थे. भारत की आजादी के डाक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करने के कारण कांग्रेस अध्यक्ष जेबी कृपलानी को ही राष्ट्रपति कहा जाने लगा था.
अधीर रंजन को महिला आयोग ने किया तलब
‘राष्ट्रपत्नी’ वाले बयान पर कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं. अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस विवाद में एंट्री ले ली है. आयोग ने कांग्रेस सांसद को नोटिस जारी कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. महिला पैनल ने कांग्रेस नेता से व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है. इस संबंध में सुनवाई 3 अगस्त को सुबह 11:30 बजे होनी है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है. आदिवासी समुदाय से आने वाले बीजेपी नेता ने अधीर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
