नई दिल्ली: यूरोप के दो देश के बीच चल रहे युद्ध की चर्चा भारत के संसद में भी हो सकती है. संसद के कुछ सदस्यों ने अनुसार, लोकसभा में अगले कुछ दिनों में रूस-यूक्रेन युद्ध और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा हो सकती है. उन्होंने बताया, सरकार ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यूक्रेन युद्ध और महंगाई पर चर्चा कराने की विपक्ष कर मांग पर सहमति जताई है.
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- नियम 193 के तहत चर्चा
- रुपये में रूसी कच्चा तेल खरीदने का इरादा नहीं
नियम 193 के तहत चर्चा
वहीं, इस बैठक में मौजूद रहे इन सांसदों ने कहा, इन दोनों विषयों पर लोकसभा में नियम 193 के तहत चर्चा होगी. एक सांसद ने कहा, यूक्रेन संकट पर इस सप्ताह चर्चा होगी, जबकि महंगाई के मुद्दे पर अगले सप्ताह चर्चा होगी. उन्होंने कहा, चर्चा के लिए तारीख और समय के बारे में अभी फैसला नहीं हुआ है.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, उन्होंने बीएसी की बैठक में इन दो विषयों पर चर्चा का प्रस्ताव दिया, जिस पर सरकार ने सहमति जताई.
रुपये में रूसी कच्चा तेल खरीदने का इरादा नहीं
दूसरी, भारत के सार्वजनिक उपक्रमों का रूस से खरीदे जाने वाले कच्चे तेल के लिए रुपये में भुगतान करने की कोई योजना नहीं है. भारत अपने कुल तेल आयात का एक प्रतिशत से भी कम रूस से खरीदता है, लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों ने तेल और गैस की खरीद के लिए रुपये में व्यापार का रास्ता मुहैया कराया है.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, मौजूदा समय में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का न तो कोई अनुबंध है और न ही रूस या किसी अन्य देश से भारतीय रुपये में कच्चे तेल की खरीद करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है. उन्होंने इसके बारे विस्तार से जानकारी नहीं दी है.
