नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से प्रभावित विदेशी विश्वविद्यालयों के एमबीबीएस छात्रों के संबंध केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस सप्ताह एक बैठक आयोजित कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में योजना बनाने का निर्देश दिया था. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने इन छात्रों को भारत में मेडिकल कॉलेजों में क्लीनिकल ट्रेनिंग पूरा करने के संबंध में योजना बनाने के शीर्ष अदालत के निर्देश पर मंत्रालय की राय मांगी थी. कोर्ट ने 29 अप्रैल को एनएमसी को निर्देश दिया था कि वह दो महीने में एक योजना तैयार करे. जिससे प्रभावित छात्रों को देश के मेडिकल कॉलेजों में क्लीनिकल प्रशिक्षण पूरा करने की अनुमति दी जा सके.
इस खबर में ये है खास-
- निजी मेडिकल कॉलेज में दाखिले पर विचार
- मेडिकल छात्रों नहीं हो सकी इंटर्नशिप
- SC ने योजना बनाने का दिया निर्देश
निजी मेडिकल कॉलेज में दाखिले पर विचार
उससे पहले विदेश मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय से निजी मेडिकल कॉलेजों को ऐसे संकट का सामना कर रहे छात्रों को दाखिला देने की अनुमति देने पर विचार करने को कहा था. एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को किसी अकादमिक सत्र के बीच में यहां मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने की अनुमति देने के संबंध में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मौजूदा नियमों के तहत कोई प्रावधान नहीं है.
मेडिकल छात्रों नहीं हो सकी इंटर्नशिप
नियामक निकाय ने मार्च में कहा था कि कोविड-19 या युद्ध जैसी स्थितियों के कारण इंटर्नशिप पूरी नहीं करने वाले वाले विदेशी मेडिकल स्नातक भारत में इसे पूरा कर सकते हैं. आयोग ने एक परिपत्र में कहा है कि राज्य चिकित्सा परिषदें इस पर गौर कर सकती हैं बशर्ते उम्मीदवारों ने भारत में इंटर्नशिप पूरा करने के लिए आवेदन करने से पहले विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (GMGE) उत्तीर्ण कर ली हो.
SC ने योजना बनाने का दिया निर्देश
आयोग ने छह मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा कि उच्चतम न्यायालय ने नियामक निकाय को 29 अप्रैल से दो महीने के भीतर एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि प्रभावित छात्रों को भारतीय मेडिकल कॉलेजों में क्लीनिकल प्रशिक्षण पूरा करने की अनुमति मिल सके. आयोग ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 29 अप्रैल को पारित आदेश के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुरोध है कि वह भारत में विदेशी चिकित्सा स्नातकों को क्लीनिकल प्रशिक्षण मुहैया कराने के मुद्दे पर अपने विचार पेश करे.
