इस वक्त देश में ज्ञानवापी मस्जिद में मौजूद वजू खाने का खूब चर्चा हो रही है. आपके मन में भी सवाल होगा कि आखिर वजू खाना क्या होता है. किसे वजू खाना कहते है. वजू करने का अर्थ क्या होता है. वजू खाना किस लिए होता है. वजू क्यों करते है. ये मुस्लिम लोगों के लिए बहुत खास क्यों होता है. आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए और सारी जानकारी लीजिए.
खबर में खास
- वजू खाना क्या होता है?
- वजू क्यों करते है?
- वजू करने का अर्थ है?
- वजू खाना कैसा होता है?
- वजू कैसे किया जाता है?
वजू खाना क्या होता है?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि हर मस्जिद में वजू खाना होता है. कई पुराने मस्जिदों में हौज होता है, जो तालाब की तरह से होता है. वहीं अब नई जमाने के साथ नई मस्जिदों में नल के पानी से वजू किया जाता है.
वजू क्यों करते है?
मुसलमानों के लिए वजू बहुत खास होता है. ये लोग अल्लाह की इबादत करने से पहले वजू करते हैं. आसान शब्दों में कहे तो नमाज पढ़ने से पहले वजू करना जरूरी होता है.
वजू करने का अर्थ है?
इस्लाम धर्म में मान्यता है कि, जब नमाज अता करनी हो, उससे पहले वजू करना पड़ता है. वजू का अर्थ है शरीर को साफ करना यानि खुद को साफ रखना. वजू में शरीर के कई हिस्सों की साफ-सफाई की जाती है.
वजू खाना कैसा होता है?
दरअसल, पुराने वक्त में वजू खाना एक छोटे तालाब की तरह से होता था. इसका मतलब कि एक हौज की तरह होता है. वहीं, आज के दौर में मस्जिदों में नल लगा दिए गए है, अब वजू नल के पानी से करते है.
वजू कैसे किया जाता है?
अब ये जान लेना आपके लिए जरूरी है कि वजू कैसे किया जाता है. दरअसल, वजू करने के लिए सबसे पहले 3 बार पानी मुंह में लेकर कुल्ला किया जाता है, फिर 3 बार नाक में पानी डालकर साफ किया जाता है. पानी से चेहरा साफ किया जाता है. ये सब करने के बाद दोनों हाथ के कुहनियों तक पानी से धोया जाता है. सिर के बालों पर भीगा हुआ हाथ फेरा जाता है. अंत में पानी से दोनों पैर को धोया जाता है.
