नई दिल्ली: विश्व चैंपियन मुक्केबाज निकहत ज़रीन (Nikhat Zareen) ने अपनी पूरी कहानी शेयर की. उन्होंने बताया की कैसे लोगों ने एक लड़की के रूप में मुक्केबाज बनने के लिए उनकी पसंद का मजाक उड़ाया, एक रूढ़िवादी समाज में उनके संघर्ष को बयां किया. भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में 52 किग्रा वर्ग में थाईलैंड की खिलाड़ी जिटपॉन्ग जुटामास को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता है. निकहत जरीन अब बॉक्सिंग की नई विश्व चैंपियन है. लेकिन क्या ये सफर उनके लिए इतना आसान था तो इसका जवाब होगा नहीं क्योंकि उनके इस खेल को चुनने से सबसे ज्यादा परेशान उनकी मां थी और वजह क्या थी हम आपको बताते हैं.
खबर में खास
- वर्ल्ड चैंपियन की मां को था डर
- बेटी बन गई ‘टॉमबॉय’… शादी कौन करेगा? मिला ये जवाब
- पिता के सपने को पूरा किया
- ‘ओलंपिक में गोल्ड जीतना मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य’

वर्ल्ड चैंपियन की मां को था डर
NBT को दिए इंटरव्यू में वर्ल्ड चैंपियन निखत जरीन की मां ने बताया कि उनको एस सबसे बड़ा डर ये था कि उनकी बेटी जो ‘टॉमबॉय’ बन गई है उससे शादी कौन करेगा.
निकहत की मां ने NBT को बताया, ‘मैं वास्तव में उसके भविष्य के बारे में चिंतित थी, और कौन-सी मां नहीं करेगी? वह एक टॉमबॉय थी, हमेशा लड़कों के साथ खेलती थी और अपनी शर्तों पर जीवन जीती थी. जब उसने बॉक्सिंग में कदम रखा तो यह मेरे लिए एक बड़ा झटका था. मुझे लगा कि वह जल्द ही इससे ऊब जाएगी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. मैंने उसे रोकने की पूरी कोशिश की, क्योंकि मुझे चिंता थी कि उसका चेहरा खराब हो जाएगा. घूंसे से डर था और इससे उसकी शादी की संभावनाएं प्रभावित होंगी.’
बेटी बन गई ‘टॉमबॉय’… शादी कौन करेगा? मिला ये जवाब
निकहत जरीन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा : ‘मेरी मां रो रही थी और कह रही थी कि कोई मुझसे शादी नहीं करेगा. मैंने जवाब दिया, ‘अरे अम्मी, टेंशन नको लो, नाम होगा तो दुल्हनों की लाइन लग जाएगी!’

पिता के सपने को पूरा किया
25 वर्षीय निकहत जरीन तेलंगाना के निजामाबाद से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता मोहम्मद जमील एक फुटबॉल और क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं. मोहम्मद जमील की चार बेटियां हैं इसलिए उनकी इच्छा थी कि उनकी कोई एक बेटी खेल की दुनिया में नाम करे और इसके लिए उन्होंने निकहत को चुना. निकहत ने शुरुआत तो एथलेटिक्स से की थी लेकिन 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने बॉक्सिंग रिंग में कदम रखा और उसके बाद से वे बॉक्सिंग की दुनिया में नित नए कीर्तिमान स्थापित करती रहीं है. बता दें कि जरीन पूर्व जूनियर यूथ वर्ल्ड चैंपियन भी रह चुकी हैं.
जरीन भारत की पांचवी खिलाड़ी हैं जिसने बॉक्सिंग में विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है. जरीन से पूर्व मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी आर एल और लेखा केसी भी यह कारनामा कर चुकी हैं.
‘ओलंपिक में गोल्ड जीतना मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य’
जरीन ने इंडिया टुडे से कहा, ‘मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड हासिल करना है. इसके लिए मैं कड़ी मेहनत करती रहूंगी. मेरा सपना थ कि मैं ट्विटर पर ट्रेंड करूं और ये पूरा हो गया.
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