रात भर से हो रही भारी बारिश और खराब मौसम के चलते अमरनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है. अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके और मध्य कश्मीर के सोनमर्ग में नुवान और बालटाल शिविरों से किसी भी तीर्थयात्री को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है. नुनवान बेस कैंप में अभी 3000 यात्री ठहरे हुए हैं.
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कश्मीर में बारिश का सिलसिला बीती रात को ही शुरू हो गया था. जिस वजह से बालटाल और पहलगाम इलाके में भूस्खलन की आशंका भी बन सकती है. श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा पर भी मौसम साफ नहीं है. बारिश की वजह से ठंड भी काफी बढ़ गई है. यही वजह है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए बारिश थमने और मौसम के साफ रहने तक यात्रा को स्थगित कर दिया गया है. शिविरों में रोके गए श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हैं. आधार शिविरों में श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं.
अबतक 60 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं और 5 की मौत भी हो चुकी है. 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो चुकी है जो 11 अगस्त को समाप्त होगी. 370 हटने के बाद ये पहली यात्रा है ऐसे में आतंकी हमले की भी आशंका है. इसी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जिसमें अमरनाथ धाम की ओर जाने वाले वाहनों के मार्गों पर 130 से अधिक खोजी कुत्तों के इस्तेमाल पर विशेष जोर दिया गया है.
बता दें कि अमरनाथ यात्रा हिमालय के ऊपरी भाग में स्थित भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर का तीर्थ है. चूंकि अमरनाथ यात्रा दो साल के अंतराल के बाद खतरे के बीच शुरू हुई है, इसलिए सुरक्षित और सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए विस्फोटकों का पता लगाने के साथ-साथ अन्य कार्यों के लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ 200 उच्च शक्ति वाले बुलेटप्रूफ वाहनों को संवेदनशील स्थानों पर रखा गया है. चरम आतंकी खतरों के बीच सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए तीर्थ की ओर जाने वाले वाहन मार्गों पर 130 से अधिक खोजी कुत्तों को भी तैनात किया गया है.
