Banda Court: बांदा कोर्ट ने 15 साल पुराने एक मामले में 13 आरोपियों को आजीवन कारावास व आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. वारदात में 2 नाबालिग और 16 अन्य लोगों को चिन्हित किया गया था. आरोपी डकैत अंबिका पटेल सहित 3 लोगों मौत हो चुकी है जबकि 2 नाबालिगों आरोपियों का केस चित्रकूट में चल रहा है. 13 आरोपियों को 15 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद बांदा में विशेष न्यायधीश ने सजा सुनाई. सभी 13 मुल्जिमों को धारा 147, 148, 149, 302, 307 व 11/12 डकैती एक्ट के तहत आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा हुई है.
खबर में खास
- कब की घटना?
- साढ़े 6 लाख का इनामी था अंबिका पटेल
- अधिवक्ता को मिली थी जान से मारने की धमकी
कब की घटना?
बांदा कोर्ट ने जिस 15 साल पुराने मामले में 13 लोगों को सजा सुनाई है वह घटना 22 जुलाई 2007 को तब घटित हुई थी जब फतेहगंज थाना क्षेत्र के बघोलन गांव के जंगल में दस्यु अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया गैंग द्वारा मुठभेड़ से लौट रहे एसटीएफ जवानों की गाड़ियों में अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं थी. जिसमें 7 एसटीएफ के जवानों की मौत हो गयी थी. वहीं 8 जवान घायल भी हुए थे.
साढ़े 6 लाख का इनामी था अंबिका पटेल
एसटीएफ जवानों पर गोली चलाने वाले गैंग के सरगना अंबिका पटेल पर साढ़े 6 लाख का इनाम था. उसे पुलिस पहले इनकाउंटर में मौत के घाट उतार चुकी है. साथ ही सजा पाए 13 लोगों को पिछले 15 साल में कभी जमानत नहीं मिली.
अधिवक्ता को मिली थी जान से मारने की धमकी
एसटीएफ जवानों का मुकदमा लड़ रहे अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी मिली थी इसके बावजूद उन्होंने केस नहीं छोड़ा और अंत में जवानों को न्याय दिलाया. प्रमोद द्विवेदी के अनुसार उन्हें बांदा के नरैनी इलाके के रहने वाले अनीश नाम के व्यक्ति ने धमकी दी जिसके खिलाफ उन्होंने न्यायालय में वाद दर्ज कराया था. हालांकि अनीश ने हाई कोर्ट से मामले मे स्टे ले लिया था. खैर, 15 साल बाद ही सही न्याय मिलने के 15 साल बाद एसटीएफ के जवानों की आत्मा को शांति जरुर मिली होगी.
