वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में ज्ञानवापी मामले में कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया गया है. साथ ही विशाल सिंह, अजय सिंह कोर्ट कमिश्नर बने रहेंगे. दरअसल, पश्चिमी दीवाल को खोलने की दीवार भी खोली जाने की विपक्ष ने अजय मिश्रा की शिकायत दर्ज करायी थी. वहीं, अजय मिश्रा ने इस दलील को नज़र अन्दाज़ कर दिया था.
खबर में खास
- कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा पर आरोप
- सर्वे का काम पूरा 2 दिन में देंगे रिपोर्ट
- हिंदू पक्ष का शिवलिंग मिलने का दावा
कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा पर आरोप
दरअसल, विपक्षी ने न्यायालय के समक्ष दलील दी और कई आरोप अजय मिश्रा पर लगाए. जिसके बाद कोर्ट ने ये आदेश जारी किया. कोर्ट ने ये भी कहा कि अजय मिश्रा मीडिया में कई साक्ष्य लीक कर रहे थे.
सर्वे का काम पूरा 2 दिन में देंगे रिपोर्ट
वहीं, सर्वे टीम को 2 दिन का समय रिपोर्ट के लिए दिया गया है. बता दें कि अजय सिंह ने कहा, कोर्ट के आदेश के अनुसार, 14 से 16 मई के बीच सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य किया गया. इससे पहले, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने सोमवार को दावा किया था कि कोर्ट द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य के दौरान मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग पाया गया है.
हिंदू पक्ष का शिवलिंग मिलने का दावा
एक स्थानीय कोर्ट ने सोमवार को हिंदू पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया था, जहां पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है.
उधर, ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली कमेटी के एक सदस्य ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था, मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है. उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है.
