नई दिल्ली: भीषण गर्मी में यमुना नदी सूखने और हरियाणा सरकार द्वारा आपात संदेश (SOS) का जवाब नहीं देने के बीच दिल्ली में पेयजल की मांग को मुश्किल से पूरा किया जा रहा है. वजीराबाद जलाशय का जलस्तर कम होकर 670.70 फुट रह गया है, जो इस साल का सबसे निचला स्तर है. बृहस्पतिवार को यह 671.80 फुट था.
खबर में खास
- इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया
- पानी की आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश
- IMD ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया
पिछले वर्ष 11 जुलाई को जलाशय का स्तर 667 फुट तक कम हो गया था, जिसके बाद दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर हरियाणा सरकार को यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था. दिल्ली जल बोर्ड ने इस संबंध में 12 मई, तीन मई और 30 अप्रैल को हरियाणा सिंचाई विभाग को पत्र लिखा था. अधिकारियों के मुताबिक, पड़ोसी राज्य की ओर से इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया है.
पानी की आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश
दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला जल शोधन संयंत्रों की उत्पादन क्षमता घटकर 85 प्रतिशत रह गई है. उन्होंने कहा कि रविवार को यह और घटकर 75 फीसदी पर आ सकती है. डीजेबी ने उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी है, वहां अतिरिक्त टैंकरों की व्यवस्था की है और नलकूपों के जरिये पानी की आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.
IMD ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
दो संयंत्र वजीराबाद जलाशय से कच्चा पानी उठाते हैं, इसका शोधन करते हैं और दिल्ली छावनी और नई दिल्ली नगर परिषद क्षेत्रों समेत पूर्वोत्तर दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, मध्य दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली में आपूर्ति करते हैं. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी कि अगले दो दिनों में राष्ट्रीय राजधानी में लू चलने और भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान है.
