वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में शिवलिंग (Shivling) मिलने के दावे पर हंगामा मचा हुआ है. अब ये विवाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दरवाजे पर पहुंच चुका है. मस्जिद के मौलवी की अपील के बाद भी आज जुमे की नमाज के दौरान काफी ज्यादा भीड़ आई. इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में भी ज्ञानवापी से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई, जिसे 6 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया. वहीं मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई.
इस खबर में ये है खास
- सुप्रीम कोर्ट ने दिए तीन सुझाव
- वजू के लिए होगी अलग व्यवस्था
- सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे को माना सही
- रिपोर्ट लीक होने से SC नाराज
- छुट्टियों के बाद होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने दिए तीन सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष को 3 सुझाव दिए. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस वक्त हम क्या कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि इस समय इस विषय में हमारे पास 3 सुझाव हैं.
पहला- ट्रायल कोर्ट इस आवेदन का निपटारा करे.
दूसरा- हमने एक अंतरिम आदेश पारित किया है, वह निचली अदालत का आदेश आने तक लागू रहे.
तीसरा- चूंकि यह मसला बेहद जटिल और संवेदनशील है, हमारी राय है कि इसे एक जिला जज सुनें.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम ट्रायल जज के ऊपर सवाल नहीं उठा रहे हैं, इस तरह के मामलों में अनुभवी व्यक्ति बेहतर है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने सुझाव में कहा कि जिला जज के पास 25 साल का अनुभव है, इसलिए पहले इस मामले की सुनवाई जिला अदालत को करने दीजिए.
वजू के लिए होगी अलग व्यवस्था
सर्वोच्च न्यायलय में मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि मस्जिद में हमें वज़ू करने की अनुमति नहीं है. पूरे इलाके को सील कर दिया गया है जहां वज़ू किया जाता है. इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम जिलाधिकारी से वैकल्पिक इंतजाम करने को कहेंगे. वहीं सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसके भी इंतजाम किए गए हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि समाज के विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारा और शांति हमारे लिए सबसे ऊपर है.
सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे को माना सही
मुस्लिम पक्ष के वकील ने सर्वे को लेकर निचली अदालत के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे 1991 में लागू हुए कानून का उल्लंघन बताया. वहीं हिंदू पक्ष ने कहा कि यह मामला 100 साल से पुराना है और यह 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट के दायरे में नहीं आता है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी स्थान के धार्मिक चरित्र का पता लगाना वर्जित नहीं है.
छुट्टियों के बाद होगी सुनवाई
कोर्ट ने कहा कि हमारा आदेश संतुलन बनाने का था. अब उन्हें इस पर आपत्ति नहीं होगी. कोर्ट ने कहा कि जब हम गर्मियों की छुट्टी से वापस आएंगे, तो खुशी-खुशी मामले की फिर से सुनवाई करेंगे. बता दें कि आज की सुनवाई के बाद डेढ़ महीने की गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी. ज्ञानवापी विवाद का समाधान एक दिन में होने की संभावना नहीं है. दोनों पक्षों को सुनने के लिए कोर्ट को समय चाहिए होगा. ऐसे में कोर्ट ने गर्मी की छुट्टियों के बाद फिर से सुनवाई करने की बात कही है.
