नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) दो दिवसीय दौरे पर मेघालय में हैं. इस दौरान उन्होंने कहा है कि भारत का समग्र विकास ही उनके स्वयंसेवी संगठन का लक्ष्य है. दो दिवसीय दौरे के पहले दिन रविवार को एक जनसभा में कहा, ‘‘आरएसएस का लक्ष्य समाज को संगठित करना है ताकि भारत चहुंमुखी विकास कर सके. आरएसएस व्यक्तिगत स्वार्थों को त्यागकर देश के लिए बलिदान करना सिखाता है.’’
खबर में खास
- क्या बोले मोहन भागवत
- कई नेताओं से करेंगे मुलाकात
क्या बोले मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि आध्यात्मिकता पर आधारित सदियों पुराने मूल्यों में निहित आस्था देश के लोगों को बांधने वाली शक्ति है. भागवत ने कहा, ‘‘भारतीय एवं हिंदू एक समानार्थी भू-सांस्कृतिक पहचान है. हम सभी हिंदू हैं. भारतीयों ने देश के प्राचीन इतिहास से बलिदान की परंपरा सीखी. हमारे पूर्वज विभिन्न विदेशी भूमि पर गए और उन्होंने जापान, कोरिया, इंडोनेशिया और कई अन्य देशों को भी यही मूल्य दिए.’’
कई नेताओं से करेंगे मुलाकात
भागवत ने कहा कि भारत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान विभिन्न देशों में टीके भेजकर मानवता की सेवा की और वह आर्थिक संकट में श्रीलंका के साथ खड़ा रहा. उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत शक्तिशाली बनता है तो हर नागरिक शक्तिशाली बनता है.’’ भागवत पूर्वोत्तर राज्य की दो दिवसीय यात्रा के दौरान आरएसएस के विभिन्न पदाधिकारियों और सामाजिक संगठनों के नेताओं से मुलाकात करेंगे.
