लखनऊ: मऊ सदर विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) की अग्रिम जमानत याचिका गुरुवार को लखनऊ की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने अक्टूबर 2019 में लखनऊ के महानगर थाने में दर्ज मामले में अब्बास खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. पिछले महीने मऊ एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि जिला पुलिस ने मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी, विधायक पुत्र अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) और बहनोई को भगोड़ा घोषित किया है.
खबर में खास
- विधानसभा चुनाव के दौरान दिया विवादित बयान
- अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) मऊ सदर से विधायक
- पूरा मामला क्या है, जानिए
विधानसभा चुनाव के दौरान दिया विवादित बयान
एसपी ने कहा था, मुख्तार अंसारी के गाजीपुर स्थित पैतृक आवास समेत चार जगहों पर पुलिस की छापेमारी के बाद यह घोषणा की गई. उनका परिवार फरार है. इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास ने एक धमकी भरा भाषण भी दिया था, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से सत्ता में आने के बाद पहले छह महीनों के लिए किसी भी स्थानीय अधिकारी को ट्रांसफर नहीं करने के लिए कहा था.
अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) मऊ सदर से विधायक
यूपी पुलिस ने इस मामले में अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. बाद में उन्होंने कहा, पिछले 6 महीने में प्रशासन ने फर्जी मामले दर्ज कर लोगों को परेशान किया. उन्होंने कहा, इसलिए इस सबकी जांच की जाएगी और इसलिए मैंने ऐसा कहा है. अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) ने समाजवादी पार्टी के पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मऊ सदर से चुनाव लड़ा था. अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) मऊ सदर से विधायक हैं
पूरा मामला क्या है, जानिए
दरअसल, तत्कालीन महानगर थाना प्रभारी अशोक सिंह ने 12 अक्टूबर 2019 को अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया था कि अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) ने लखनऊ से बंदूक का लाइसेंस लिया. जिसके बाद बंदूक को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया, जहां उसने बदले हुए एड्रेस पर ये कहते हुए कई हथियार खरीदे कि वो एक मशहूर निशानेबाज है.
