नई दिल्ली. वाराणसी के ज्ञानव्यापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की बात को लेकर बवाल मचा हुआ है. हिंदू पक्ष की ओर से मस्जिद में शिवलिंग का होने का दावा किया जा रहा है. तो वहीं मुस्लिम पक्ष इस बात को सिरे से खारिज कर रहा है. मुस्लिम पक्ष मस्जिद में शिवलिंग बात को खारिज करते हुए कह रहा है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है. दरअसल में वह एक फव्वारा है. ज्ञानव्यापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में जमा हो चुकी है. सभी लोगों को कोर्ट के फैसले का इंतजार है. देखना होगा कि कोर्ट क्या फैसला सुनाता है.
इस खबर में ये है खास-
- दोनों पक्ष के अलग-अलग दावे
- तीन दिनों तक मस्जिद में चला सर्वे का काम
- कल कोर्ट का आयेगा फैसला
दोनों पक्ष के अलग-अलग दावे
दोनों पक्षो की ओर से अलग-अलग दावे के बीच काशी के महंत का अजीब दावा है. काशी विश्वनाथ मंदिर के पीछे स्थित काशी करवत मंदिर के महंत गणेश शंकर उपाध्याय का कुछ अलग ही दावा है. काशी के महंत ने दावा किया है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग नहीं है, बल्कि फव्वारा ही है. जैसा कि वह पिछले 50 सालों से देखते आ रहे हैं.
तीन दिनों तक मस्जिद में चला सर्वे का काम
14 से 16 मई के बीच ज्ञानवापी मस्जिद में चले सर्वे की रिपोर्ट गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल कर दी गई. कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह की ओर से दाखिल रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मुस्लिम पक्ष जिसे फव्वारा कह रहा है, उसमें पाइप घुसाने की कोई जगह नहीं है.
कल कोर्ट का आयेगा फैसला
आज वाराणसी की जिला कोर्ट (Varanasi Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने जोरदार बहस की. दोनों तरफ की दलीलें सुनकर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब कोर्ट कल दोपहर 2 बजे इस पर अपना फैसला सुनाएगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले को वाराणसी कोर्ट में ही ट्रांसफर कर दिया था.
