नई दिल्लीः बदला लेने की फितरत तो वैसे इंसानों में देखने को मिलती है, लेकिन महाराष्ट्र में बंदरों में भी ये आदत देखने को मिली है. महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड जिले (Beed District) में बंदरों के बदला लेने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां बंदरों ने कुत्तों से बदला लेते हुए तकरीबन 250 कुत्तों को जान से मार (Monkeys Killing Puppies) दिया. ये दुश्मनी तब पैदा हुई जब कुत्तों ने बंदर के एक बच्चे को मार दिया था. जिसके बाद से बंदर भी खून का बदला खून से ले रहे हैं.
इस खबर में ये है खास
- बंदरों ने 250 कुत्तों को मार डाला
- गांव में अब कोई पिल्ला नहीं बचा
- ऐसे देते हैं घटना को अंजाम
- अब इंसानों पर भी हमला बोला

बंदरों ने 250 कुत्तों को मार डाला
जानकारी के मुताबिक पिछले महीने यहां कुत्तों ने बंदरों के एक छोटे बच्चे को मार दिया था. इसके बाद से बंदरों ने बदला लेने के लिए कुत्तों के बच्चों को मारना शुरू कर दिया. बंदर कुत्तों के बच्चों को उठाकर किसी पेड़ या ऊंची इमारत में चढ़ जाते हैं और फिर वहां से उसे फेंक देते हैं. वे तब तक ऐसा करते हैं जब तक वो मर नहीं जाता है. पिछले एक महीने में बंदरों ने करीब 250 कुत्तों को ऊंचाई से फेंककर मार डाला है.

गांव में अब कोई पिल्ला नहीं बचा
मामला बीड जिले के माजलगांव से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित लवूल गांव है. यहां पिछले एक महीने से बंदरों ने आतंक मचाया हुआ है. उन्हें कुत्ते का कोई भी बच्चा नजर आने पर वह उसे उठा लेते हैं और फिर किसी ऊंचाई वाले स्थान से नीचे फेंक देते हैं. बताया जा रहा है कि बंदरों ने इस तरह पिछले एक महीने में कुत्तों के करीब 250 बच्चों को मार डाला है. इस गांव में अब कुत्ते का कोई बच्चा नजर नहीं आता है.

ऐसे देते हैं घटना को अंजाम
लोगों का कहना है कि पहले कुछ बंदर मिल कर कुत्तों का ध्यान बांटते हैं और फिर मौका पाकर कोई बंदर पिल्ले को उठा ले जाता है. वो उसे इतनी ऊंचाई पर ले जाता है, जहां से गिराने के बाद वो मर जाए. यदि पिल्ला नहीं मरता है तो वे फिर उसे और ऊंचाई से नीचे फेंकते हैं.

अब इंसानों पर भी हमला बोला
लोगों के अनुसार बंदरों ने गांव के सारे पिल्ले मार दिए हैं. लेकिन वे अभी भी शांत नहीं हुए हैं, उन्होंने अब इंसानों के छोटे-छोटे बच्चों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. घर के बाहर निकलने पर लोगों को काटने लगे हैं. बंदरों को दबोचने के लिए ग्रामीणों ने वन विभाग से भी संपर्क किया था. वन विभाग का अमला आया, लेकिन वह किसी भी बंदर को पकड़ने में नाकाम रहे.
