नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार जोरो पर है. अब मैनपुरी में सियासी पारा बढ़ने वाला है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार यानी 28 नवंबर को मैनपुरी सीट पर उपचुनाव के लिए एक रैली को संबोधित करेंगे. सीएम योगी की मैनपुरी सीट पर उपचुनाव में एंट्री के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी टेंशन बढ़ने वाली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करहल के नरसिंह यादव इंटर कॉलेज में जनसभा को संबोधित करेंगे.
इस खबर में ये है खास-
- मैनपुरी सीट पर बढ़ा सियासी पारा
- करहल में सीएम योगी करेंगे रैली
- BJP की चाल से डिंपल की राह में रोड़ा
- मैनपुरी में 50-50 हुआ मुकाबला
मैनपुरी सीट पर बढ़ा सियासी पारा
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 28 नवंबर को होने वाली मैनपुरी में अपनी पहली जनसभा के साथ चुनाव प्रचार में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में मैनपुरी चुनावों की गर्मी और बढ़ रही है. भाजपा ने पहले ही अपने विधायकों और मंत्रियों की फौज को समाजवादी पार्टी के पारंपरिक गढ़ में उतार दिया है. उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ 3 दिसंबर तक लगातार मैनपुरी की जनता के मन को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे.
करहल में सीएम योगी करेंगे रैली
मैनपुरी उपचुनाव में सियासी पारा झेल रहे अखिलेश यादव की टेंशन योगी के आने के बाद और बढ़ने वाली है. दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी पहली जनसभा की शुरुआत अखिलेश यादव के निर्वाचन क्षेत्र से कर रहे हैं. ऐसे में सपा अध्यक्ष को सपा का गढ़ माने जाने वाले करहल पर ज्यादा जोर देना होगा. इससे पहले उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मैनपुरी में दो सभाएं कीं. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक वोटरों का मूड बीजेपी के पक्ष में करने के लिए लगातार दो दिनों से मैनपुरी में सभाएं कर रहे हैं.
BJP की चाल से डिंपल की राह में रोड़ा
इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह और महासचिव संगठन धर्मपाल सिंह कार्यकर्ताओं को प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. मैनपुरी में लोकसभा उपचुनाव हाईप्रोफाइल है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के बीच है. पहले डिंपल यादव के लिए यह उपचुनाव आसान माना जा रहा था. भारतीय जनता पार्टी ने यहां दिग्गज नेता रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतार कर चुनाव पूर्व के सभी अनुमानों को बदल दिया है.
मैनपुरी में 50-50 हुआ मुकाबला
फिलहाल दोनों पार्टियां प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं. मुलायम सिंह यादव यहां से लगातार सांसद रहे. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में मुलायम की जीत का अंतर काफी कम रहा था. तभी से माना जा रहा था कि मुलायम के बाद सपा के लिए मैनपुरी की राह आसान नहीं होगी. राजनीतिक पंडितों की माने तो अब मामला 50-50 का है. जसवंतनगर विधानसभा में बातचीत के दौरान एक बुजुर्ग मतदाता ने माना कि इस बार मुकाबला कड़ा है. यही कारण है कि समाजवादी पार्टी जो मैनपुरी में एक-दो सभा करती थी और केवल स्थानीय कार्यकर्ता ही वोट मांगते थे, वह बहुत बड़ा प्रचार कर रही है.
