RCP Singh quits JDU: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने शनिवार को उनसे ‘ईर्ष्या’ करने वालों पर ‘साजिश’ का आरोप लगाते हुए जदयू (JDU) छोड़ दिया. दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू ने आरसीपी सिंह (RCP Singh) से पार्टी (JDU) के कुछ कार्यकर्ताओं की शिकायत पर उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह (RCP Singh) और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर साल 2013 और साल 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई है. वहीं, आरसीपी सिंह (RCP Singh) के जदयू (JDU) छोड़े जाने के बाद ये अनुमान लगाया जा रहा है कि वह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
खबर में खास
- राज्यसभा टिकट को लेकर नीतीश और आरसीपी में विवाद
- उपेंद्र कुशवाहा ने पत्र में क्या लिखा?
- कौन हैं आरसीपी सिंह?
राज्यसभा टिकट को लेकर नीतीश और आरसीपी में विवाद
दरअसल, बताया जा रहा है कि जब से नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह का राज्यसभा से टिकट काटा है, तभी लेकर दोनों बेहद करीबी नेताओं में तल्खी आ गई है. बता दें कि नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह से नाराजगी की वजह से उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा था. जिसके बाद से दोनों की नाराजगी सार्वजनिक हो गई थी. चर्चाएं होने लगी थी कि क्या आरसीपी सिंह नीतीश का साथ छोड़ेंगे या पार्टी से नीतीश उनको खुद निकाल देंगे.
उपेंद्र कुशवाहा ने पत्र में क्या लिखा?
वहीं, कुशवाहा ने पत्र में लिखा है, आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे माननीय नेता (सीएम) भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम कर रहे हैं और वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में बेदाग रहे हैं. जद यू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जिनसे पत्रकारों ने बयान के लिए संपर्क किया था. उन्होंने कहा, ये खुलासा करना उचित नहीं है कि आरोप किसने लगाए थे, लेकिन स्पष्टीकरण मांगना क्रम में है.
कौन हैं आरसीपी सिंह?
बता दें कि आरसीपी सिंह पिछले साल 7 जुलाई को मोदी सरकार में मंत्री बनाए गए थे. जेडीयू के दिग्गज नेताओं में आरसीपी सिंह शुमार थे. वह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे थे. आरसीपी सिंह पहली बार नीतीश के संपर्क में तब आए जब वो साल 1996 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव के रूप में तैनात थे.
