वैसे तो बिहार में शराबबंदी है, लेकिन अवैध रुप से शराब का धंधा चलता है. जिसकी भनक सरकार और प्रशासन को बहुत कम लग पाती है. ये ही वहज है कि प्रशासन ने शराब का धंधा करने वालों के लिए योजना लाई है. जिसके तहत बक्सर में शराब का धंधा छोड़ने वाले व्यक्तियों को उत्पाद विभाग देगी रोजगार. दरअसल, बक्सर में शराब का व्यवसाय नेस्तनाबूद करने की मुहिम में उत्पाद विभाग बेहद ही अलर्ट है. इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करने के दौरान उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि उन्होंने शराब का धंधा जरा भी पनपने का मौका नहीं दिया जाएगा.
खबर में खास
- ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा
- मुर्गी पालन, अंडा बिक्री जैसे कामों में मिलेगी मदद
- धंधा छोड़ चुके लोगों को मिलेग प्रमाण पत्र
ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा
उन्होंने कहा कि शराब धंधेबाजी को लेकर जिला उत्पाद विभाग कठोर रवैया जारी रखेगा. शराब धंधेबाजी को गंभीरता से लिया जाएगा. उत्पाद अधीक्षक ने कहा कि शराब के धंधे को छोड़कर आने वाले लोगों के लिए विभाग उनके जीविकोपार्जन के लिए भी गंभीर है और जो भी लोग शराब के धंधे में लिप्त है उनको हर हाल में धंधे से बाहर निकाला जाएगा और इसके अलावा ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा.
धंधा छोड़ चुके लोगों को मिलेग प्रमाण पत्र
उत्पाद अधीक्षक ने खास शब्दों में कहा कि विभाग धंधा छोड़कर आने वालों को सतत जीविकोपार्जन का लाभ देकर उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रशासन उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने अधिकारियों को धंधा छोड़ चुके लोगों के इलाके में जाकर स्थल निरीक्षण कर प्रमाण पत्र भी देने का निर्देश दिया. अधिकारियों को धंधा से अलग हो चुके लोगों के बारे में और उस स्थान के बारे में यह प्रमाण देना होगा कि वहां शराब का धंधा बंद कर दिया गया है.
मुर्गी पालन, अंडा बिक्री जैसे कामों में मिलेगी मदद
मद्य निषेध विभाग द्वारा रोजगार उपलब्ध कराए गए 125 व्यक्तियों में से 61 व्यक्ति को जीविका द्वारा शतत जीकोपार्जण के तहत मुर्गी पालन, अंडा बिक्री, बकरी पालन, किराना दुकान इत्यादि का रोजगार में लगाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिले के महादलित टोलों में ऐसे लोगों को 15 दिनों में रोजगार उपलब्ध कराने की मुहिम चल रही है. महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र को भी शराब धंधा छोड़ने वालों को प्राथमिकता देने को कहा ताकि ऐसे लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो सके.
