राजस्थान के उदयपुर (Udaipur Murder) में टेलर कन्हैयालाल (Kanhaiya Lal Murder) की हत्या को लेकर देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है. गहलोत के शासन में कन्हैयालाल की तालिबानी स्टाइल में गला रेंतकर हत्या कर दी गई. ये तरीका भारत से हजारों किलोमीटर दूर तालिबानी आतंकी या ISIS के आतंकी अपनाते हैं. देश में ऐसा वहशीपन पहली बार देखने को मिला है. इस घटना के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को ट्रोल किया जा रहा है. इतनी आलोचना होने के बाद आखिरकार सीएम गहलोत ने पीड़ित परिवार से मिलने का विचार किया. मुख्यमंत्री गहलोत आज (गुरुवार को) उदयपुर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे.
इस खबर में ये है खास
- पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद का ऐलान
- बीजेपी नेता ने जुटाए एक करोड़ रुपये
- 'फांसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं'
पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद का ऐलान
बुधवार को कन्हैयालाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके अंतिम संस्कार में लाखों की भीड़ उमड़ी. सबकी जुबान पर एक ही बात थी कि कन्हैयालाल के दरिंदों को फांसी की सजा सुनाई जाए. कन्हैयालाल की हत्या के बाद पैदा हुए तनाव और गुस्से के बीच गहलोत सरकार की ओर से पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद का ऐलान किया गया है. सरकार ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. इसके अलावा मृतक के दोनों लड़कों को नौकरी देने का वादा किया गया है.
बीजेपी नेता ने जुटाए एक करोड़ रुपये
दिल्ली में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कन्हैयालाल के परिवार की मदद के लिए सिर्फ 24 घंटे में एक करोड़ रुपये जुटाने का दावा किया है. कपिल मिश्रा ने कहा कि वे जल्द ही पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे और उनको ये रुपये देकर उनके दुख की घड़ी में अपनी संवेदना व्यक्त करेंगे.
‘फांसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं’
कन्हैयालाल की लाश जब पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंची तो परिजन बदहवास हो गए. उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि कन्हैयालाल को किस गलती की सजा मिली, उन्हें क्यों मारा गया. कन्हैया की पत्नी और अन्य परिजन वहशी दरिंदों को कैमरे के सामने फांसी की सजा की मांग करते रहे, लेकिन उन्हें अपना ध्यान खुद रखना होगा क्योंकि अब उनको भी खतरा पैदा हो गया है. फांसी… फांसी… फांसी और इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं. परिजनों की बातों से तो यही बात निकलकर सामने आई.
