महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का गेम ओवर हो गया है. उद्धव ठाकरे ने समय की नजाकत को शायद भांप भी लिया है और मुख्यमंत्री निवास वर्षा को खाली कर मातोश्री पहुंच गए हैं. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के 55 विधायक जीते थे और आज की तारीख में उद्धव ठाकरे की बैठक में केवल 13 विधायक ही पहुंचे. बाकी 42 विधायकों की फोटो गुवाहाटी से आ रही है. जाहिर है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास अब करने को कुछ नहीं है. या तो वे इस्तीफा देंगे या फिर विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं. संजय राउत ने इसका संकेत भी दिया है. हालांकि एनसीपी और कांग्रेस विधायक अभी विधानसभा चुनाव में जाने के मूड में नहीं हैं.
खबर में खास
- एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने को तैयार शिवसेना
- सरकार के नाक के नीचे बगावत हुई पर पता नहीं चला
- गृह मंत्रालय को भनक तक नहीं लगी, ये चमत्कार कैसे हुआ
एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने को तैयार शिवसेना
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ जो विधायक रह गए हैं, उनमें उदय समनत, सुनील प्रभु, रविंद्र वैकार, सुनील राउत, आदित्य ठाकरे, दिलीप लांडे, कैलाश पाटिल, नितिन देशमुख, राजन साल्वी, संतोष बंगार, उदय राजपूत, वैभव नाइक और अजय चौधरी शामिल हैं. शिवसेना के बाकी विधायक गुवाहाटी में हैं. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 42 विधायक और 7 निर्दलीय विधायक भी मौजूद हैं. हालांकि, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा- हम एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने को तैयार हैं. बस एकनाथ शिंदे मुंबई आकर उद्धव से बात करें.
सरकार के नाक के नीचे बगावत होती रही पर पता नहीं चला
ताज्जुब की बात यह है कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार की नाक के नीचे सब कुछ होता रहा और सरकार को कुछ पता भी नहीं चला. सरकार और उसकी खुफिया एजेंसियों को भी या तो भनक नहीं लगी या फिर वे हाथ पर हाथ धरे बैठी रहीं. यह भी आशंका जताई जा रही है कि एनसीपी ने जान बूझकर वो सब कुछ होने दिया, जिससे शिवसेना को नुकसान हो सकता था. आश्चर्य की बात यह भी है कि एक एक करके विधायक ऐलान करके गुवाहाटी के लिए रवाना हो रहे हैं लेकिन उनकी रोकथाम की कोई कोशिश होती नहीं दिख रही है. इसका मतलब यह है कि उद्धव सरकार ने हार मान ली है.
गृह मंत्रालय को भनक तक नहीं लगी, ये चमत्कार कैसे हुआ
इतनी बड़ी संख्या में विधायकों ने प्रदेश छोड़ दिया और सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगी, ये गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियो की सबसे बड़ी नाकामी दिखाई देती है. इसी को लेकर NCP प्रमुख शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाराजगी भी जताई थी. दोनों नेताओं ने गृह विभाग से पूछा था कि रातों-रात इतने विधायक सूरत कैसे शिफ्ट हो गए और किसी को भनक तक नहीं लगी. हालांकि अब तो विधायक बकायदा ऐलान करके मुंबई छोड़ रहे हैं और उन्हें रोकने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है.
