चीन (China) के कड़े ऐतराज के बाद भी अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) मंगलवार रात को ताइवान पहुंच गईं. नैंसी पेलोसी के ताइवान (Nancy Pelosi in Taiwan) दौरे से चीन (China) काफी नाराज हो गया. उसने ताइवान के साथ-साथ अमेरिका को भी इसके गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है. पेलोसी के ताइवान में कदम रखते ही चीन के 21 सैन्य विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा का उल्लंघन किया. हालांकि वे थोड़ी देर बाद वापस लौट गए, लेकिन ताइवान पर युद्ध के बादल मंडराने लगे हैं. यदि युद्ध हुआ तो इसका खामियाजा पूरी दुनिया को उठाना पड़ेगा.
इस खबर में ये है खास
- क्या चीन-ताइवान में होगा युद्ध?
- ताइवान पर चीन का पहला हमला
- ताइवान सीमा पर ड्रैगन का युद्धाभ्यास
- चीन-ताइवान युद्ध का दुनिया पर असर
- रूस-यूक्रेन की जंग का दंश झेल रही दुनिया
क्या चीन-ताइवान में होगा युद्ध?
पेलोसी के ताइवान पहुंचते ही चीनी वायुसेना के 21 लड़ाकू विमानों ने ताइवान की वायुसीमा का उल्लंघन करते हुए उसके देश के अंदर उड़ान भरी. चीन ने ताइवान को भी इसके गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए कहा था कि 1.4 अरब चीनी नागरिकों से शत्रुता मोल लेने का अंजाम अच्छा नहीं होगा. वहीं ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के सैन्य विमानों के जवाब में, ताइवान ने हवाई गश्ती अभियान शुरू किया है. रेडियो चेतावनी भेजी गई है और चीनी सैन्य विमानों को ट्रैक करने के लिए रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया गया है.
ताइवान पर चीन का पहला हमला
दरअसल चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश कहता है. चीन ने अमेरिका को धमकी दी है कि वह हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दे. इसके बाद भी अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची हैं. जिससे चीन काफी नाराज है. उसने अब ताइवान पर अपना गुस्सा निकाला है. चीन ने ताइवान के साथ फल समेत कई चीजों के आयात पर रोक लगा दी है. चीन ने ताइवान से होने वाले आयात को भी सोमवार तक के लिए रोक दिया है. इस प्रतिबंध के तहत ताइवान के 35 निर्यातकों की ओर से चीन आने वाले सभी सामानों के आयात पर रोक लगा दी गई है.
ताइवान सीमा पर ड्रैगन का युद्धाभ्यास
अपनी ताकत दिखाने के लिए चीन ने ताइवान सीमा पर युद्धाभ्यास करने का एलान कर दिया है. ग्लोबल टाइम्स (Global Times) द्वारा ट्वीट कर बताया गया कि चीन जे-20 स्टील्थ फाइटर जेट (J-20 Stealth Fighter Jets) ताइवान के आसपास चीनी सेना पीएलए (PLA) के अभ्यास में शामिल हो गए हैं. बताया गया है कि युद्धाभ्यास गुरुवार से शुरू होकर रविवार तक चलेगा. ताइवान में चीन के किलर हथियारों की गरज सुनाई दे रही है. इसके चलते अलॉर्म बजाए जा रहे हैं. हमले की आशंका से लोगों को बेवजह बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है.
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चीन-ताइवान युद्ध का दुनिया पर असर
चीन और ताइवान के बीच कोई युद्ध शुरू होता है, तो दुनियाभर के टेक बाजार ठंडे पड़ सकते हैं. TSMC यानी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का घर ताइवना ही है. ऐपल, AMD, Nvidia, ARM जैसे बड़े ब्रांड्स इसके क्लाइंट हैं. कंपनी इन सभी के लिए एडवांस चिप तैयार करने का काम करती है. इन चिप्स से ही आपके स्मार्टफोन, कार, लैपटॉप और दूसरी इलेक्ट्रिक चीजें काम करती हैं. उधर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में चीन नंबर वन पर है. युद्ध होने से चीन के इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को भी इससे उसी पैमाने पर क्षति होगी.
रूस-यूक्रेन की जंग का दंश झेल रही दुनिया
रूस और यूक्रेन के बीच जंग अभी भी जारी है. इन दो देशों की जंग से भी पूरी दुनिया प्रभावित हुई है. रूस-यूक्रेन की जंग से पूरी दुनिया महंगाई की मार झेल रही है. दरअसल खाड़ी देशों के बाद रूस ही प्रमुख तेल निर्माता है. यूरोप के देश रूस से ही तेल और गैस खरीदते थे. युद्ध के बाद रूस ने तेल-गैस महंगा कर दिया है. वहीं गेंहू उत्पादक में भी रूस और यूक्रेन अव्वल माने जाते हैं. आधी दुनिया रूस-यूक्रेन का गेंहू खाती थी. युद्ध के चलते कई देशों के सामने खाद्य संकट आ गया है.
