नई दिल्ली. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूक्रेन पर आक्रमण के चलते रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाने पर अमेरिका और यूरोपीय संघ पर बुधवार को निशाना साधा है. चिनफिंग ने कहा कि जानबूझकर प्रतिबंध लगाने से दुनिया भर के लोगों को नुकसान होगा. चिनफिंग ने ब्रिक्स व्यापार मंच के उद्घाटन समारोह में अपने भाषण में कहा कि इतिहास ने दिखाया है कि आधिपत्य, समूह संबंधी राजनीति और गुटों के बीच टकराव का परिणाम शांति और स्थिरता नहीं, बल्कि युद्ध और संघर्ष के रूप में निकलता है. शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने चिनफिंग के हवाले से कहा कि यूक्रेन संकट ने फिर से मानवता के लिए खतरे की घंटी बजा दी है.
इस खबर में ये है खास-
- अमेरिका सहित कई देशों पर चीन का निशाना
- प्रतिबंध लोगों के लिए आयेंगी आपदाएं
- BRICS के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए मोदी
अमेरिका सहित कई देशों पर चीन का निशाना
चीन के राष्ट्रपति की ओर से कहा गया कि यदि देश अपनी ताकत पर अंधविश्वास रखते हैं, सैन्य गठबंधनों का विस्तार करते हैं. दूसरों की कीमत पर अपनी सुरक्षा की तलाश करते हैं तो वे निश्चित रूप से सुरक्षा कठिनाइयों में समाप्त हो जाएंगे. चिनफिंग ने अपने भाषण में यूक्रेन पर आक्रमण चलते रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि जानबूझकर प्रतिबंध लगाने का कार्य दुनिया भर के लोगों के लिए आपदा लाएगा.
प्रतिबंध लोगों के लिए आयेंगी आपदाएं
प्रतिबंधों को उल्टा प्रभाव डालने वाले और दोधारी तलवार बताते हुए चिनफिंग ने कहा कि जो लोग वैश्विक अर्थव्यवस्था का राजनीतिकरण करते हैं, उसका लाभ उठाते हैं. अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एवं मौद्रिक प्रणालियों में प्रभुत्व का लाभ उठाकर जानबूझकर प्रतिबंध लगाते हैं, वे अंततः दूसरों को और खुद को नुकसान पहुंचाएंगे तथा दुनिया भर के लोगों के लिए आपदाएं लाएंगे. ब्रिक्स व्यापार मंच की बैठक बृहस्पतिवार को वीडियो लिंक के माध्यम से होने वाले ब्रिक्स देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के 14वें शिखर सम्मेलन से पहले आयोजित की गई.
BRICS के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए मोदी
ब्रिक्स व्यापार मंच’ के उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स की स्थापना इस विश्वास से हुई थी कि इमर्जिंग इकोनॉमिक्स का ये समूह वैश्विक ग्रोथ के इंजन के रूप में उभर सकता है. मोदी ने आगे कहा कि आज जब पूरा देश पोस्ट कोविड रिकवरी पर फोकस कर रहा है तब ब्रिक्स देशों की भूमिका एक बार फिर बहुत महत्वपूर्ण रहेगी.
