खंडहर इमारतें, टूटे वाहन और सड़कों पर पड़ीं लावारिश लाशें. ये निशानी हैं यूक्रेन की तबाही की. ये तस्वीरें हैं रूसी सेना के कहर की. रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को दो महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है, लेकिन अभी तक कोई परिणाम नहीं निकल सका है. रूस लगातार हमले कर रहा है और यूक्रेन करारा जवाब दे रहा है. जंग के बीच में ही रूस अपना विजय दिवस भी सेलीब्रेट कर रहा है. रूस ने इस जंग की शुरुआत यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर हमला करके की थी, लेकिन अब रिहायशी इमारतों पर भी बमबारी की जा रही है. जंग की शुरुआत में यह माना जा रहा था और शायद रूस का खुद यह कहना था कि वह एक हफ्ते के भीतर ही यूक्रेन पर कब्जा कर लेगा, लेकिन ऐसा हो नहीं सका है.
इस खबर में ये है खास
- पुतिन कर सकते हैं युद्ध की घोषणा
- ये युद्ध नहीं था तो क्या हो रहा था?
- जंग से अभी तक दूर थी रूसी वायुसेना
- परमाणु युद्ध की कितनी आशंका है?
पुतिन कर सकते हैं युद्ध की घोषणा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जब यूक्रेन पर हमला करने का निर्णय लिया होगा, तो उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि यूक्रेन उनकी फौज को इतनी कड़ी टक्कर दे सकता है. 24 फरवरी को जब रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला किया था, लेकिन अभी तक यूक्रेन पर फतह हासिल नहीं कर पाई है. इस बीच मास्को अपने विजय दिवस के जश्न में डूबा है. माना जा रहा है कि अब पुतिन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं. यदि युद्ध की घोषणा हो जाएगी तो रूसी सेना को उन हथियारों का इस्तेमाल करने की आजादी मिल जाएगी, जो यूक्रेन को पलक झपकते ही तबाही कर सकते हैं.
ये युद्ध नहीं था तो क्या हो रहा था?
यूक्रेन के खिलाफ जारी जंग को पुतिन ने अभी तक युद्ध घोषित नहीं किया है, बल्कि विशेष सैन्य अभियान के नाम पर ही रूसी सेना ने यूक्रेन में तबाही मचा रखी है. इतिहास में ऐसा बहुत कम बार हुआ है जब किसी देश ने दूसरे देश के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया हो. द क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने 1816 से अभी तक तकरीबन 13 जंग लड़ी हैं. जिनमें से सिर्फ 4 को ही युद्ध का नाम दिया गया है. दरअसल युद्ध का ऐलान करके के बाद कई अंतरर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करना पड़ता है, यही वजह कि देश युद्ध के सीधे ऐलान से बचते हैं. युद्ध के दौरान रात में हमला वर्जित होता है, जबकि सैन्य अभियान में ऐसा कोई नियम नहीं होता है. सैन्य अभियान का नाम देकर दुनिया की ज्यादातर जंगे रात के अंधेरे में ही लड़ी जाती हैं.
जंग से अभी तक दूर थी रूसी वायुसेना
यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना ने अभी तक सिर्फ थलसेना के बेड़े में शामिल बैलिस्टिक मिसाइल, एंटी एयरक्रॉफ्ट मिसाइल, हेवी रॉकेट लॉन्चर, BMPT टर्मिनेर टैंक, टी-80 मैन बैटल टैंक और सुखोई SU-35 लड़ाकू विमानों का ही इस्तेमाल किया है. अब यदि पुतिन की ओर से युद्ध का आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा, तो और घातक हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है. रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग और भयावह होती जा रही है. रूसी फौज लगातार यूक्रेन के शहरों को तबाह कर रही है, तो वहीं यूक्रेन की सेना भी रूसी सैन्य ठिकानों को नेस्तानबूत करने में लगी है. रूस ने अभी तक इस जंग में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकतवर वायुसेना का तमगा हासिल करने वाली अपनी एयरफोर्स का इस्तेमाल नहीं किया है.
परमाणु युद्ध की कितनी आशंका है?
माना जा रहा है कि युद्ध की घोषणा होने के बाद रूसी वायुसेना भी हिस्सा लेगी. रूसी वायुसेना के पास कुल 4 हजार 173 विमान हैं, जिनमें 772 लड़ाकू, 739 अटैक, 445 ट्रांसपोर्ट, 552 ट्रेनर, 132 स्पेशल मिशन, 20 टैंकर, 1 हजार 543 हेलीकॉप्टर और 544 अटैक हेलीकॉप्टर शामिल हैं. यूक्रेन के साथ साथ अमेरिका भी लगातार रूस की ओर से परमाणु हमले की आशंका जता रहा है. वहीं रूस लगातार कह रहा है कि परमाणु हथियार तैनात करने का उसका कोई इरादा नहीं है. वहीं माना जा रहा है कि युद्ध की आधिकारिक घोषणा होने के बाद भी यदि यूक्रेन ने आसानी से हथियार नहीं डाला तो फिर रूस की ओर से परमाणु हमला भी किया जा सकता है.
