नई दिल्ली. श्री लंका में आर्थिक संकट के बीच हिंसा शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री के इस्तीफे को लेकर श्री लंका में विपक्ष की ओर से दबाव था. आर्थिक संकट से देश को निकालने में नाकाम रही सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है. राष्ट्रपति के साथ मीटिंग के बाद महिंदा राजपक्षे इस्तीफा देने को राजी हुए. इसके बाद देश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सोमवार को श्री लंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
इस खबर में ये है खास-
- श्री लंका में कर्फ्यू लागू
- हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत
- PM के पैतृक आवास में आग लगाई
- महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग
- महिंदा राजपक्षे पर हिंसा उकसाने का आरोप
- एक महीने के भीतर दूसरी बार आपातकाल
श्री लंका में कर्फ्यू लागू
श्री लंका में प्रधानमंत्री के इस्तीफे के कुछ घंटे पहले ही सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर महिंदा राजपक्षे के समर्थकों पर हमला कर दिया था. जिसके बाद पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रीय कर्फ्यू को बुधवार सुबह तक बढ़ा दिया गया है.

हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत
इधर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सरकार समर्थकों ने हमला कर दिया. जिससे दोनों के बीच हिंसक झड़प हो गई. श्री लंका में सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसक झड़प में अब तक कुल 8 लोगों के मारे जाने की खबर है. वहीं एक सांसद की मौत हो गई है.

PM के पैतृक आवास में आग लगाई
प्रधानमंत्री पद से महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने हंबनटोटा में राजपक्षे परिवार के पैतृक आवास में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के कई नेताओं के घरों को भी आग के हवाले कर दिया.

महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग
देश में हिंसक झड़प के बाद महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है. विपक्षी नेताओं ने महिंदा राजपक्षे पर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों के विरुद्ध हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है.

महिंदा राजपक्षे पर हिंसा उकसाने का आरोप
विपक्ष ने महिंदा राजपक्षे पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला करने के लिए सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उकसाने का आरोप लगाया है. प्रमुख तमिल सांसद एमए सुमनथिरन ने एक संदेश जारी कर कहा, “महिंदा राजपक्षे को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
उनके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.” पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और मुख्य विपक्षी दल समागी जना बालवेग्या पार्टी के नेता रंजीत मद्दुमा बंडारा ने भी महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग की.

कोलंबो के राष्ट्रीय अस्पताल के मुताबिक, श्रीलंका में फैली हिंसा में अब तक कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 217 लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

एक महीने के भीतर दूसरी बार आपातकाल
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार मध्य रात्रि से देश में आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी थी. श्रीलंका में लगभग एक महीने के भीतर दूसरी बार आपातकाल घोषित किया गया था.

श्रीलंका में बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती को लेकर पिछले महीने से ही लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.
