नई दिल्ली. यूक्रेन पर रूसी हमले (Russia Ukraine war) के बीच यूक्रेन के सैन्य खुफिया प्रमुख किरिलो बुडानोव (Kirillo Budanov) ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि रूस, यूक्रेन को दो टुकड़ों में विभाजित करने का प्रयास कर सकता है. रक्षा मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक बयान के अनुसार बुडानोव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह महसूस किया है कि ‘‘वह पूरे देश (यूक्रेन) को तो निगल नहीं सकते. इसलिए वह ‘कोरियाई परिदृश्य’ के तहत यूक्रेन को संभवत: विभाजित करने का प्रयास करेंगे. उनका संदर्भ उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच दशकों पुराने विभाजन से था.
इस खबर में ये है खास-
- रूसी कब्जे वाले क्षेत्र को यूक्रेन के खिलाफ खड़े करेंगे
- खारकीव में परमाणु केंद्र पर गोलीबारी
- यूक्रेनी राष्ट्रपति की पश्चिमी देशों से फिर से अपील
रूसी कब्जे वाले क्षेत्र को यूक्रेन के खिलाफ खड़े करेंगे
सैन्य खुफिया प्रमुख बुडानोव ने कहा कि कब्जा जमाने वाले (रूस) कब्जे वाले क्षेत्रों को एक अर्ध-राज्य संरचना में तब्दील करने का प्रयास करेंगे और इसे स्वतंत्र यूक्रेन के खिलाफ खड़ा करेंगे. उन्होंने कब्जे वाले शहरों में समानांतर सरकारी ढांचा स्थापित करने और लोगों को यूक्रेनी मुद्रा, रिव्निया का उपयोग करने से रोकने के लिए रूसी प्रयासों की ओर इशारा किया. बुडानोव ने भविष्यवाणी की कि यूक्रेन का प्रतिरोध ‘कुल’ गुरिल्ला युद्ध में विकसित होगा और रूस के प्रयासों को पटरी से उतार देगा.
खारकीव में परमाणु केंद्र पर गोलीबारी
रूसी सेना का यूक्रेन पर अभी भी लगातार हमले जारी हैं, रूस ने खारकीव में एक परमाणु अनुसंधान केंद्र पर फिर से गोलाबारी की है. युद्ध के कारण यह पता लगाना मुश्किल है कि इससे कितना नुकसान हुआ है. यूक्रेन में परमाणु केंद्रों पर नजर रखने वाली एक संस्था ने यह जानकारी दी.
यूक्रेनी राष्ट्रपति की पश्चिमी देशों से फिर से अपील
यूक्रेन के राष्ट्रपति वालोदिमीर जेलेंस्की ने एक बार फिर पश्चिमी देशों से अपील की है कि वे यूक्रेन को लड़ाकू विमान और वायु रक्षा मिसाइल प्रदान करें. जेलेंस्की ने आज सुबह फिर एक वीडियो संदेश में कहा है कि यूक्रेन रूसी मिसाइल का बंदूकों और मशीन गन से नहीं मुकाबला कर सकता, जो उसे बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराया गया है.
उन्होंने कहा कि हम मारियुपोल को बगैर टैंक, अन्य साजो-सामान तथा लड़ाकू विमानों के बिना खाली नहीं करा सकते. यूक्रेन के सभी शुभचिंतकों को यह पता है. यूरोपीय संघ और अमेरिका के सभी नेता यह बखूबी जानते हैं.’’
